निगम कर रहा है भोजन बनाने से वितरण तक की संपूर्ण व्यवस्था
- अब तक 14 लाख से अधिक भोजन पैकेट्स किए वितरित
सेवा भारती समाचार
जोधपुर। कोरोना संक्रमण के दौरान जिले में लॅाक डाउन अवधि में जरूरतमंदों और गरीब परिवारों तक भोजन सामग्री पहुंचाने के लिए नगर निगम अनवरत रूप से प्रयास कर रहा है तथा पिछले 40 दिनों की अवधि के दौरान निगम द्वारा अब तक 14 लाख से अधिक भोजन पैकेट्स का वितरण कर चुका है। निगम आयुक्त सुरेश कुमार ओला के निर्देशन में निगम की टीम प्रतिदिन सुबह और शाम भोजन पैकेट्स का वितरण कर रही है, साथ ही जिला प्रशासन के निर्देश पर बनाए गए कंट्रोल रूम पर भोजन संबंधी मिलने वाली शिकायतों का भी त्वरित निस्तारण करने में अग्रणी रही है। ओला ने बताया कि प्रतिदिन नगर निगम की ओर से करीब 30 हजार भोजन पैकेट बनाये जाते हैं। उन्होंनें बताया कि इतनी बड़ी संख्या में भोजन पैकेट बनाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं था, इसलिए निगम द्वारा अलग अलग टीम बनाकर उन्हें कार्य विभाजन कर जिम्मेदारी सौंपी गई। प्रोक्योरिंग टीम प्रभारी नगर निगम उपायुक्त अश्वनी के. पवार को बनाया गया। टीम के सदस्य सुबोध व्यास, सुमनेस पुरोहित, रविंद्र शेखावत प्रतिदिन भोजन पैकेट बनाने के लिए कच्ची सामग्री उपलब्ध कराता है। इस टीम की ओर से प्रतिदिन लगभग 4500 किलो आटा, 35 टिन तेल, 1800 किलो आलू, लगभग 21-21 किलो नमक, हल्दी, मिर्च, धनिया व अन्य मसाले उपलब्ध कराए जाते है साथ ही भोजन पैकेट तैयार करने के लिए फॉयल पेपर भी यह टीम उपलब्ध कराती है। आयुक्त सुरेश कुमार ओला ने बताया कि शुरुआत में नगर निगम ने अपने कार्यालय के पीछे पार्किंग में अस्थाई भोजनशाला तैयार की थी। इस भोजनशाला में भोजन पैकेट बनाकर वितरित किए जा रहे थे, इसके बाद अदम्य चेतना फाउंडेशन के सहयोग से इस भोजनशाला को गौशाला मैदान में बने आधुनिकतम किचन में शिफ्ट किया गया। निगम की ओर से हरीओम पुरोहित, गिरीश पुरोहित की टीम प्रतिदिन इस कार्य की मॉनिटरिंग कर रही है। यहां मशीन के माध्यम से रोटियां बनाई जा रही है। भोजन बनाने के लिए 84 व्यक्तियों की एक टीम काम करती है। यह टीम खाना तैयार होने के बाद अलग-अलग काउंटर पर रोटी और सब्जी को पैक करने का काम करती है।उन्होंने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना की जा रही है। सभी लोग हाथों को सैनिटाइज करने के बाद ही किचन में प्रवेश करते हैं। खाना बनाने वालों को मास्क, कैप और ग्लाउज पहनाए जाते हैं और पूरी प्रक्रिया को संक्रमण से मुक्त रखने का प्रयास किया जाता है। खाना बनाने से पूर्व और खाना बनाने के बाद पूरी भोजनशाला को डिसइनफेक्टेड करने का भी काम किया जा रहा है।इस तरह होता है वितरण उन्होंने बताया कि भोजन बनने के बाद जरूरतमंदों और गरीब लोगों तक भोजन पहुंचाना भी एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए नगर निगम ने एक्सईएन सुधीर माथुर, सुरेश जैन, संजय माथुर, संदीप माथुर , राहुल गुप्ता, दीपक गुप्ता के नेतृत्व में 25 टीमों का गठन किया है। प्रत्येक टीम में 3 व्यक्ति हैं जिन्हें एक वाहन दिया गया है। प्रत्येक टीम को एक निर्धारित क्षेत्र दिया जाता है, उस क्षेत्र में जाकर यह टीम प्रतिदिन सुबह और शाम भोजन पैकेट का वितरण कर रही है। इन टीम के द्वारा नगर निगम की ओर से तैयार किए गए करीब 30 हजार भोजन पैकेट का वितरण किया जाता है साथ ही भामाशाह के माध्यम से भी करीब 15 हजार भोजन पैकेट निगम को मिलते हैं इनका वितरण भी निगम की यही टीम करती है। भोजन वितरण करने वाली टीम को आयुक्त के हस्ताक्षर का एक टोकन उपलब्ध करवाया जाता है। यह टोकन भोजन शाला में दिखाने पर उन्हें टोकन में लिखी गई संख्या के अनुसार भोजन पैकेट दिए जाते हैं। उसके बाद प्रतिदिन शाम को यह टीम कंट्रोल रूम में भोजन वितरण की सूचना भी देती है। कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग निगम आयुक्त सुरेश कुमार ओला ने बताया कि भोजन पैकेट के वितरण की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए नगर निगम ने एक कंट्रोल रूम भी बनाया है। नगर निगम अधीक्षण अभियंता संपत मेघवाल के निर्देशन में तकनीकी अधिकारी दीपक गुप्ता, आलोक माथुर, श्यामलाल चौधरी, अरुण व्यास और कानाराम की टीम कंट्रोल रूम का कार्य संभाल रही है। वही संपर्क पोर्टल पर मिलने वाली शिकायतों की प्रभावी मोनिटरिंग आर ए एस अधिकारी चंचल वर्मा कर रही है। कंट्रोल रूम की यह टीम निगम की ओर से किए जाने वाले भोजन पैकेट वितरण के कार्य की मॉनिटरिंग करती है। टीम द्वारा रेंडम चेकिंग की जाती है और अलग-अलग क्षेत्रों में फोन कर जानकारी जुटाई जाती है कि संबंधित व्यक्ति के पास खाना पहुंचा है या नहीं। ज्यों ही कंट्रोल रूम में किसी व्यक्ति के लिए खाने के पैकेट उपलब्ध कराने की शिकायत मिलती है,यह टीम तुरंत संबंधित एक्सईएन को इसकी सूचना देता है। संबंधित एक्सईएन अपनी टीम के माध्यम से वहां तक भोजन पहुंचाने की व्यवस्था करता है। निगम कंट्रोल रूम प्रभारी संपत मेघवाल ने बताया कि कोविड-19 के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम के फोन नंबर की हेल्पलाइन नंबर 181 पर जो भी शिकायत आती है उन शिकायतों में से 99.5 प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण उसी दिन कर दिया जाता है। उन्होंनें बताया कि शिकायतों के निस्तारण के मामले में पूरे प्रदेश में जोधपुर प्रथम स्थान पर है