वर्षीतप आराधकों ने अपने घरों में किया पारणा

सेवा भारती समाचार 

जोधपुर। जैन धर्मावलंबियों ने अक्षय तृतीया पर सामायिक परमात्मा पूजा अर्चना विश्व शांति मंगल प्रार्थना कर दूरदराज बैठे वर्षीतप आराधकों को ऑनलाइन पर तप तपस्या पारणे की सुख साता पूछते हुए तप की अनुमोदना की। श्रीमहावीर शासन स्थापना महोत्सव समिति के राष्ट्रीय महामंत्री धनराज विनायकिया ने बताया जैन धर्म में सबसे बड़ी हजारों वर्षों से चली आ रही तपस्या वर्ष भर चलने वाला वर्षीतप का पारणा कोराना वायरस के बढते संक्रमण व लोक डाउन के मद्देनजर विश्वभर के सभी वर्षीतप आराधक इस बार अक्षय तृतीया पर घर परिवार के साथ इक्षु रस्स से पारणा किया। नवकार महामंत्र की धुन से विश्व शांति मंगल कामना करते विधि विधान से पारणा किया। वर्षीतप परंपरा के बारे में विनायकिया ने बताया कि जैन धर्म के प्रवर्तक प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान ने लगातार एक वर्ष पर्यन्त उग्रतप वर्षीतप कर आखातीज (अक्षयतृतीया) पर इक्षुरस से पारणा किया था। इसी महत्व को लेकर परमात्मा भक्त वर्षभर तप तपस्या वर्षीतप कर अक्षय तृतीया पर विभिन्न धार्मिक स्थानों पर साधु साध्वीयों के पावन सानिध्य में विशेष महोत्सव धूमधाम से आयोजन होता है तथा इक्षुरस (गन्नारस) से पारणा कर जीवन धन्य बनाते हैं लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण लोकडाउन के मद्देनजर अक्षय तृतीया को वर्षीतप आराधक अपने अपने घरों पर गन्नारस मिला तो ठीक नहीं तो गुड पानी गुडरस से वर्षीतप पारणा की विधि-विधान से रस्म अदा कर परमात्मा आदिनाथ भगवान के प्रति आस्था व्यक्त करते हुए घर घर आखातीज अक्षय पर्व श्रद्धा पूर्वक मनाया।

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