सार्वजनिक शिक्षण व्यवस्था बचाने के लिए एकजुटता जरूरी
जोधपुर। स्टूडेंट्स फैडरेशन ऑफ इण्डिया (एसएफआई) के आह्वान पर 11 जनवरी से शिक्षा बचाओ-देश बचाओ अभियान चलाया गया, इस अभियान के तहत देश भर में बढ़ते संस्थागत-हत्या के मामलों पर फोकस करते हुए रोहित वेमूला यादगार सप्ताह मनाया, इसके समापन रोहित वेमूला के शहादत दिवस के मौके पर जय नारायणव्यास विश्वविद्यालय नया परिसर में वर्तमान दौर में उच्च शिक्षा के समक्ष चुनौतियां व उसके समाधान विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। जिला संयोजक रूखमण साहेलिया ने बताया कि सेमिनार की अध्यक्षता हिन्दी विभाग के प्रो. केएल रैगर व मनोविज्ञान विभाग के प्रो. विमला वर्मा ने की। सेमिनार को सम्बोधित करते हुए एसएफआई के पूर्व अखिल भारतीय महासचिव डॉ. विक्रमसिंह ने कहा कि वर्तमान में केन्द्र सरकार उच्च शिक्षा पर चौतरफा हमले कर रही है पिछले छह सालों से केन्द्र सरकार नई शिक्षा निति के तहत ड्राफ्ट तैयार कर रही है जिसमें विद्यार्थी आन्दोलनों के चलते अनैक बदलाव करने पड़े है। विश्वविद्यालय में जहां एक तरफ बजट की कमी है वहीं विद्यार्थियों की छात्रवृति बकाया है जब देश के मुख्य विश्वविद्यालय जेएनयू, एएमयू, जामिया मिलिया, जाधवपुर में विद्यार्थी फीस बढ़ोत्तरी व अन्य मुद्दो को लेकर संघर्ष कर रहा है वहीं केन्द्र की सरकार शिक्षा का केन्द्रीयकरण करते हुए सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने में लगी है यदि किसी विश्वविद्यालय में विद्यार्थी शिक्षा नितियों के खिलाफ आन्दोलन करता है तो सत्ता के लिए देशद्रोही हो जाता है। सेमिनार में शून्यकाल के सम्पादक भंवर मेघवंशी ने कहा कि वर्तमान दौर पर नजर डाले तो हमारे देश में एक ऐसे युद्ध का आभास होता है जो सर्वसम्पन्न सत्ता ने देश की प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों एवं उनके विद्यार्थीयों के खिलाफ छेड़ रखा है। दलित शोषण मुक्ति मंच के प्रदेश संयोजक एडवोकेट किशन मेघवाल ने कहा कि देश के विद्यार्थियों और नौजवानों का भविष्य संकट में है परन्तु सरकार इनके सपनों पर पानी फैरते हुए जाति-धर्म के फसाद करा रही है। अत: हमें लोकतंत्र व संविधान को बचाने के लिये मजबुत आन्दोलन का निर्माण करने की जरूरत है।
एसएफआई के प्रदेश उपाध्यक्ष गोविन्द शर्मा ने कहा कि राज्य में सत्तासीन रही सरकारे लगातार शिक्षा विरोधी नितियां लागू कर रही है। सेमिनार का संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष एचआर. भाटी ने किया तथा अन्त में जिला संयोजक रूखमण साहेलिया ने धन्यवाद भाषण के साथ सेमिनार के समापन की घोषणा की।
कार्यक्रम के इस मौके पर राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व काउन्सलर शैलेष मोसलपुरिया, एस.एफ.आई. के पूर्व प्रदेश सचिव महिपालसिंह, एडवा की महानगर संयोजक रविना हदावत व जिला अध्यक्ष नेहा मेघवाल, राकेश गुलसर, विज्ञान संकाय अध्यक्ष मदन पारिक व सचिव विवेक, सूरज मेघवाल, अनुज परिहार, कैलाश प्रसाद बामणिया, जोगराज सिंह, महेन्द्र मेघवाल, कंवरराज, अशोक, विजय बारूपाल, सुरेन्द्र, खगेन्द्र, प्रेम, सागर, दिनेश, रमेश, लक्ष्मण हापासर, श्रवण कुमार सहित सैकड़ों पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।