2 हजार से अधिक कोरोना वारियर्स कर रहे सैम्पलिंग सर्वे

सेवा भारती समाचार
जोधपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य सैम्पलिंग सर्वे के कार्य में निगम आयुक्त सुरेश कुमार ओला के निर्देशन में दो हजार से अधिक कोरोना वॅारियर्स दिन रात सेवारत रहकर हम सबकी सुरक्षा के लिए जुटे है। सैम्पिलिंग व सर्वे दलों के सैल द्वारा जोधपुर शहर को सात जोन में विभक्त कर प्रत्येक घर का सर्वे करवाया जा रहा है जिसमें साठ वर्ष की आयु के व्यक्ति, गर्भवती महिलाओं, कोनिक डिजिज व एलआई लक्षण वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जाकर एक्टिव सर्विलंास द्वारा पोजेटिव कैसेज ढूंढक़र कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दिन-रात कोरोना वॅारियर्स द्वारा साहसिक कार्य किया जा रहा है।
निगम आयुक्त ने बताया कि सैम्पलिंग सर्वे के कार्य के द्वारा ही ऐक्टिव सर्विलंास के कारण जिले में 160 से अधिक पॅाजिटिव केस पाए गए है। इसी के साथ उनके निकट संपर्क वाले व्यक्तियों को आईसोलेशन अथवा क्वारंटीन किया जाकर संक्रमण के फैलाव को रोकने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने कहा कि हालांकि प्रारंभ में इस ऐक्टिव सर्विलंास पद्धति के प्रयासों के कारण कोरोना वायरस के अधिक पॅाजिटिव कैसेज सामने आते है परन्तु वृहद स्तर पर देखें तो ऐक्टिव सर्विलंास के द्वारा ही संक्रमण के प्रयास को रोकने तथा मृत्यु दर को कम करने में सहायता मिलती है।
कोरोना वायरस की रोकथाम में सर्वाधिक महत्वपूर्ण जिम्मेदाी निभाते हुए बीएलओ व एएनएम दल द्वारा अनवरत डोर टू डोर सर्वे का कार्य किया जाकर सूची तैयार की जा रही है जिसमें 60 वर्ष से अधिक की वरीयता क्रम बनाकर हाईरिस्क लोगों की सूची तैयार की जाकर लैब टेक्नीशियन को दी जाती है। बीएलओ व एएनएम द्वारा हाईरिस्क एरिया का निरन्तर स्वास्थ्य परीवेक्षण किया जा रहा है तथा उनके आई एल आई लक्षण आने पर उनकी सैम्पलिंग करवाई जा रही है। इस प्रकार प्रोएक्टिव रहकर पॉजिटिव कैसेज ढूंढे जा रहे है। साठ वर्ष की आयु के व्यक्ति, गर्भवती महिलाओं, कोनिक डिजिज व एलआई लक्षण वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जाकर एक्टिव सर्विलंास द्वारा पोजेटिव कैसेज ढूंढकर कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दिन-रात कोरोना वॅारियर्स द्वारा साहसिक कार्य किया जा रहा है।
वर्तमान भीषण गर्मी की परिस्थितियों में 28 लैब टेक्निशियन द्वारा पीपीई किट पहनकर सैम्पल लेने में अनवरत जुटे रहना उन्हें एक महत्वपूर्ण कोरोना वारियर्स की भूमिका में प्रस्तुत करता है। बीएलओ व चिकित्सालयों के स्टाफ द्वारा इस कार्य में महत्वपूर्ण सहायता की जा रही है। ये है इंसीडेंट कमांडर  शहर को सात जोन में बंाटकर सभी जोन की रिपोर्टिंग, मोनिटरिंग का कार्य सात इन्सीडेंंट कमाण्डर व उनके साथ लगे सात बीसीएमओ द्वारा किया जाता है। ये कमाण्डर अपने क्षेत्र की सभी रिपोर्ट को संकलित कर सीएमएचओ अॅाफिस को भेजते है। वहंा इन सूचनाओं पर जिला कलेक्टर कार्यालय द्वारा स्ट्रेटजी बनाकर आगे की कार्यवाही की जाती है। इन सात जोन में उदयमंदिर क्षेत्र के इन्सीडेंट कमाण्डर अनिल पूनिया तथा बीएसएमओ डॉ. दिलीप चौधरी, महामंदिर के इन्सीडेंट कमाण्डर सावन कुमार चायल व बीसीएमओ डॉ. दीपक कुमार, रेजीडेंसी के कमाण्डर भवानीसिंह तथा बीसीएमओ डॉ. जितेन्द्र चारण, परकोटा के इन्सीडेंट कमाण्डर उदयभानु चारण तथा बीसीएमओ डॉ. विशाल पुरोहित, प्रतापनगर के इन्सीडेंट कमाण्डर विकास राजपुरोहित तथा बीसीएमओ डॉ. प्रतापसिंह, मधुबन के इन्सीडेंट कमाण्डर सुनील तथा बीसीएमओ डॉ. देवकरण जाखड तथा मसूरियंा में इन्सीडेंट कमाण्डर अयूब खंा तथा बीसीएमओ डॉ. आनंद नागर द्वारा सैम्पलिंग, सर्वे किया जा रहा है। दल महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम दे रहे है।

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