लाभ से लोभ और लोभ से पाप बढ़ता है: आचार्य मनोज्ञ सूरीश्वर
झूठ बोलकर कभी बड़ा मत बनना: साध्वी नमनरूचि
भारतभर से सैकड़ों गुरूभक्त सिणधरी आचार्यश्री के कर रहे दर्शन
सिणधरी। धर्म नगरी सिणधरी में श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ सिणधरी द्वारा कुषल कांति प्रताप प्रवचन मण्डप में आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीश्वर म.सा. व मुनि नयज्ञसागर म.सा. व साध्वी डॉ. विज्ञांजना श्री म.सा. व साध्वी नमनरूचि श्री म.सा. की पावन निश्रा में चल रहे सुविहित संयम स्वर्णोत्सव चातुर्मास के दौरान दैनिक प्रवचन माला के दौरान रविवार को आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीश्वर म.सा. ने प्रवचन में आराधकों सम्बोधित करते हुए कहा कि कभी भी संसार में किसी से बिना बोलेे नहीं जाना। इस संसार में एक दिन उसी ही मकान में उसी के मोहल्ले में कभी मक्खी, बिल्ली, कुत्ता आदि बनकर आना पड़ेगा, क्योंकि तुम्हारे मन की ईर्ष्या तुम्हारे साथ चली गई और तुम ऊपर जाकर भी सुखी नहीं रह सकते। लाभ से लोभ बढ़ता है और लोभ से पाप बढ़ता है।
यह बात आचार्यश्री मनोज्ञसूरीश्वर ने सिणधरी चातुर्मास के दौरान रविवार को प्रवचन में कही। आचार्यश्री ने कहा कि किसी को दुख देने वाला मत बनो। हमेशा सद्कार्य करने वाला बनो। यह देह बार-बार धरती पर नहीं मिलती है। यह प्रयास करों की जब देह छोड़ो तो इससे परोपकारी रूपी प्राण निकले। जिस भाई ने भाई को धोखा दिया है एक दिन उसको रोड पर आकर रोना पड़ेगा। जो दुश्मन के लिए भी मंदिर में जाकर प्रार्थना करता हो। जब भी आपकी भावना खत्म होने लगे तो समझ लेना अगले जन्म में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, जो लोग मंदिर न जा सके, गौशाला न जा सके, प्यासे को पानी, भूखे को भोजन गरीब को कपड़े न पहना सके वह भी मोक्ष में जाने की बात करते हैं।
यह कैसे संभव है। पहले मोक्ष जाने का रास्ता तो समझ लो। साध्वी नमनरूचि श्री म.सा. ने कहा कि झूठ बोलकर बड़ा न बने। इस पर साध्वी ने आगे कहा कि कुछ बातें कभी मत भूलना जैसे माता-पिता के चरणों को प्रणाम करना। झूठ बोलकर कभी बड़ा मत बनना। बड़ा बनना है तो दीन दुखियों की सेवा करके बनना। अपने चरित्र को कभी टूटने मत देना। जिस प्रकार दूध से घी निकल जाने के बाद उसकी कीमत कम हो जाती है उसी प्रकार अगर आपके शरीर से श्रद्धा, धर्म, परोपकार, दया, जैसे भाव निकल जाए जो उसकी कीमत बहुत कम हो जाती है। श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ सिणधरी के अध्यक्ष सोहनलाल मण्डोवरा व कोषाध्यक्ष शांतिलाल मण्डोवरा ने बताया कि श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ सिणधरी में पांच माह के चातुर्मास में ठाठ लगा हुआ है। आचार्यश्री के दर्शन के लिए गुरूभक्त बाड़मेर, बालोतरा, सेतरावा, मौखाब, फलोदी, छतीसगढ सहित कई जगह से सैकड़ो गुरूभक्त सिणधरी पहुंचे और आचार्यश्री का आशीर्वाद लिया। संघ द्वारा बाहर से पधारर मेहमानों का अभिनन्दन किया। प्रवचन के बाद तीन लाभार्थियों और संघ की ओर संघ प्रभावना दी गई।