सुहाग का व्रत बड़ी तीज यानि कज्जली तीज का व्रत आज
Gulam Mohammed, Editor, Seva Bharati News
नीमडी की पूजा करती है और बड़ी तीज माता से अमर सुहाग का वरदान मांगती है ।
जोधपुर। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला महिलाओं का सुहाग का व्रत गुरुवार 22 अगस्त को मनाया जाएगा ।
माधवीय आपस्तम्ब ग्रंथ में बताया गया है कि चतुर्थी के संयोग से जो तृतीया का व्रत करते हैं वह तृतीया फल देने वाली है । जो स्त्रियों के वैधव्य को नष्ट करती है, अर्थात् सौभाग्यदायिनी होती है एवं पुत्र पौत्रों की वृद्धि करती है । जो स्त्री विमोहित होकर द्वितीया के योग वाली तृतीया का व्रत करती है, वह वैधव्य आदि विपरीत फल देती है । निर्णय सिंधु में लिखा है कि मधुश्रावणिका, कज्जली एवं हरितालिका का व्रत स्त्रियों द्वारा चतुर्थी युक्ता ही करना चाहिए ।
शास्त्री ने बताया कि एक दिन पूर्व द्वितीया तिथि को महिलाएं अर्धरात्रि में सिंजारा करती है । जिसे दांतन मीठा भी कहते हैं । फिर तीज के दिन महिलाएं पूरे दिन निराहार रहती है और रात्रि में चंद्र दर्शन के उपरांत पूजा करके कथा सुनती है । सत्तु का भोग लगाकर पति के कर कमलों से प्रसाद ग्रहण करती हैं । कहीं-कहीं महिलाएं रात्रि में छोटा तालाब बनाकर उसमें दूध और जल डालकर पूजा करती है । नीमडी की पूजा करती है और बड़ी तीज माता से अमर सुहाग का वरदान मांगती है ।