मैरिंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल ने अत्याधुनिक सुविधाओं वाले स्पोर्ट्स इंजरी क्लिनिक का शुभारंभ किया
जोधपुर। मैरिंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल ने आज बड़े गर्व के साथ अपने नए स्पोर्ट्स इंजरी क्लिनिक के शुभारंभ की घोषणा की है, जिसे एथलीटों और अधिक सक्रिय रहने वाले लोगों को चोट से उबरने के लिए सभी जरूरी सेवाएँ उपलब्ध कराने हेतु डिज़ाइन किया गया है। यह क्लिनिक खेल से संबंधित चोटों की रोकथाम करने, डायग्नोसिस करने और उनका इलाज करने के लिए समर्पित है, जिससे मरीजों को जल्दी ठीक होने और फिर से पहले की तरह चुस्त-दुरुस्त बनने में मदद मिलती है। क्लिनिक में इस क्षेत्र की गहरी जानकारी रखने वाले डॉक्टरों और सर्जनों की टीम द्वारा उपचार सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। विशेषण डॉक्टरों की इस टीम में डॉ. प्रथमेश जैन, कंसल्टेंट आर्थ्रोस्कोपिक, स्पोर्ट्स मेडिसिन स्पेशलिस्ट; डॉ. समीप सेठ, कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक, आर्थ्रोस्कोपी एवं जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन; तथा डॉ. पार्थ पारेख, ऑर्थोपेडिक ट्रॉमा, फुट एवं एंकल सर्जन शामिल हैं।
खेल-कूद के दौरान लगने वाली चोटों का इलाज दरअसल चोट के प्रकार और इसकी गंभीरता पर निर्भर है, और मरीज के दर्द को कम करने, उसे जल्दी ठीक होने में मदद करने तथा उसकी शारीरिक गतिविधियों को फिर से पहले जैसा बनने के लिए इलाज के अलग-अलग तरीकों का उपयोग किया जाता है। खेल-कूद के दौरान मोच, खिंचाव और भीतरी चोट और इसी तरह की कई छोटी-मोटी चोटों के लिए प्राथमिक या शुरुआती उपचारों में रेस्ट, आइस, कम्प्रेशन एवं एलिवेशन (आरआईसीई); फिजिकल थेरेपी तथा सूजन की रोकथाम के लिए दवाइयों का उपयोग शामिल है। क्लिनिक में दिए जाने वाले अन्य उपचारों में चोटिल अंग को स्थिर करने के लिए ब्रेसिंग या स्प्लिंटिंग शामिल हैं, जो इलाज की प्रक्रिया के दौरान बेहद मददगार होता है। सामान्य तौर पर मोच या फ्रैक्चर जैसी जोड़ों पर लगने वाली चोटों के लिए इस विधि का उपयोग किया जाता है, ताकि आगे के नुकसान को रोका जा सके। बर्साइटिस या टेंडोनाइटिस जैसी लंबे समय से कायम परेशानियों के मामले में डॉक्टर सूजन को कम करने और दर्द से राहत दिलाने के लिए चोटिल अंग में कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का इंजेक्शन लगा सकते हैं। अक्सर जब सर्जरी के बिना इलाज के दूसरे तरीके कारगर नहीं होते हैं, तब इन इंजेक्शनों का उपयोग किया जाता है। उपचार से संबंधित थेरेपी में पीआरपी थेरेपी शामिल है, जिसमें टिश्यू की जल्द-से-जल्द मरम्मत करने के लिए मरीज के ब्लड प्लेटलेट्स के गाढ़े घोल को चोटिल अंग में इंजेक्ट किया जाता है। लिगामेंट की चोटों, टेंडोनाइटिस और मांसपेशियों के फटने जैसी स्थितियों में तेजी से उपचार के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, मांसपेशियों में खिंचाव को कम करने, खून के बहाव को बेहतर बनाने और उपचार प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए मसाज थेरेपी का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर मांसपेशियों में खिंचाव, बेहद कोमल टिश्यू को लगने वाली चोटों तथा ठीक होने के बाद आगे की चोटों की रोकथाम के लिए इसका उपयोग किया जाता है। टिश्यू को गर्माहट प्रदान करने और कोशिका के स्तर पर उपचार को बढ़ावा देने में अल्ट्रासाउंड थेरेपी बेहद कारगर है, जिसमें हाई फ्रीक्वेंसी वाली साउंड वेव्स का उपयोग किया जाता है। यह खून के बहाव को बढ़ाने तथा सूजन को कम करने में मदद करता है, और मांसपेशियों, टेंडन एवं लिगामेंट की चोटों के उपचार में इसका उपयोग किया जाता है।
इस मौके पर डॉ. प्रथमेश जैन, कंसल्टेंट आर्थोस्कोपिक, स्पोर्ट्स मेडिसिन स्पेशलिस्ट कहते हैं, “स्पोर्ट्स इंजरी क्लिनिक के लॉन्च को लेकर हम बेहद उत्साहित महसूस कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य एथलीटों को हर स्तर पर सबसे बेहतर स्वास्थ्य और उम्दा प्रदर्शन हासिल करने में मदद करने के लिए एक भरोसेमंद भागीदार बनना है। विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाली हमारी टीम, हर मरीज की खास जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अव्वल दर्जे की चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध कराने के संकल्प पर कायम है। आजकल युवाओं में खेल-कूद की लोकप्रियता काफी बढ़ी है। कई लोग पेशेवर और शौकिया तौर पर अलग-अलग स्पोर्ट्स खेल रहे हैं। स्पोर्ट्स का दायरा बढ़ने के साथ-साथ हम खेल से संबंधित चोटों के मामलों में भी बढ़ोतरी देख रहे हैं। मैरिंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल को खेल-कूद संबंधी चोटों के लिए विशेष स्पोर्ट्स इंजरी क्लिनिक का उद्घाटन करते हुए गौरव का अनुभव हो रहा है, जहाँ एथलीटों के साथ-साथ आम लोगों को खेल-कूद के दौरान लगने वाली हर तरह की चोटों का उपचार उपलब्ध होगा।”
डॉ. समीप शेठ, कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक, आर्थोस्कोपी एवं जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन कहते हैं, “चोट लगना तो बड़ी सामान्य बात है, फिर चाहे आप पेशेवर एथलीट हों या फिर आपको वीकेंड में एडवेंचर पसंद हो। यहीं पर स्पोर्ट्स मेडिसिन क्लीनिक आपकी मदद करते हैं, और आपको अपने खेल में वापस लौटने में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। विशेष सुविधाओं वाले ये केंद्र बिल्कुल सटीक डायग्नोसिस, उपचार और चोट की रोकथाम से संबंधित सेवाएं प्रदान करते हैं, जिससे तेजी से ठीक होने और बेहतर प्रदर्शन में सहायता मिलती है। फिजिकल थेरेपी, दर्द के निवारण, और रिहैबिलिटेशन की सुविधाओं सहित व्यक्तिगत के देखभाल विकल्पों के साथ, स्पोर्ट्स मेडिसिन क्लीनिक आपकी सभी जरूरतों को पूरा करते हैं। चोटों को अपने ऊपर हावी न होने दें— जल्दी ठीक होने, फिर से अव्वल दर्जे का प्रदर्शन करने तथा सक्रिय एवं सेहतमंद लाइफस्टाइल को बनाए रखने के लिए स्पोर्ट्स मेडिसिन क्लिनिक की सेवाएं प्राप्त करें।”
डॉ. पार्थ पारेख, ऑर्थोपेडिक ट्रॉमा, फ़ुट एवं एंकल सर्जन, कहते हैं, “आज के तीव्र एथलेटिक प्रतिस्पर्धा के दौर में खेल-कूद के दौरान पैर और टखने से संबंधित चोटें एक बढ़ती हुई चिंता का विषय हैं। एथलीट की शारीरिक सुरक्षा और कामयाबी सुनिश्चित करने के लिए सही रोकथाम, डायग्नोसिस एवं उपचार सबसे ज्यादा मायने रखते हैं। इन चोटों की अनदेखी करने से लंबे समय के नुकसान के अलावा, लंबे अरसे तक बरकरार रहने वाले दर्द के साथ-साथ प्रदर्शन के स्तर में गिरावट आ सकती है। एथलीट धीरे-धीरे अपनी सीमाओं से बढ़कर कोशिश करते हैं, जिसे देखते हुए पैर और टखने की चोटों के लिए विशेष देखभाल बेहद जरूरी हो जाता है। खेलकूद से संबंधित चोटों को कारगर तरीके से नियंत्रित करने से एथलीटों को अपने खेल में अधिक मज़बूत और तेज़ी से वापस लौटने में मदद मिलती है। एथलीटों की सेहत एवं तंदुरुस्ती की सभी स्तरों पर हिफाजत के लिए खेलकूद से संबंधित चोटों की देखभाल को सबसे ज्यादा अहमियत देना बेहद जरूरी है।”
मैरिंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल के रीजनल डायरेक्टर, गौरव रेखी कहते हैं, “अपने अत्याधुनिक स्पोर्ट्स इंजरी क्लिनिक को लॉन्च करते हुए हमें बेहद खुशी हो रही है, जो अव्वल दर्जे की देखभाल चाहने वाले एथलीटों और खेल प्रेमियों के लिए वन-स्टॉप हब है। अत्याधुनिक सुविधाओं और जाने-माने विशेषज्ञों की एक टीम के साथ, हम बेमिसाल उपचार एवं रिहैबिलिटेशन सेवाएं उपलब्ध कराना चाहते हैं, जो मरीज को जल्द-से-जल्द ठीक करने के साथ-साथ उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाता है। विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने और खेल समुदाय को सहयोग देने के हमारे मिशन में यह क्लिनिक एक बड़ी उपलब्धि है।” उन्होंने आगे कहा, “मैरिंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल पिछले 15 से अधिक वर्षों से मल्टीस्पेशलिटी हेल्थकेयर में सबसे आगे रहा है।