रश्म ए उल्फत को निभाएं कैसे, हर तरफ आग है दामन को बचाएं कैसे..

जोधपुर। रश्म-ए-उल्फत को निभाएं तो निभाएं कैसे, हर तरफ आग है दामन को बचाएं कैसे-हिन्दी फिल्म दिल की राहें का यह प्रसिद्ध गीत जिसे मदन मोहन ने संगीतबद्ध किया तथा लता मंगेशकर व मन्ना डे की आवाज में रिकार्ड किया गया था इस गीत की शानदार प्रस्तुति से युवा गायिका हंसिका पारीख ने जोधपुर के सुधि श्रोताओं का दिल जीत लिया। मौका था शहर की सामाजिक संस्था इरादा के आजीवन सदस्यों के साथ वार्षिक ग्रीट व मीट कार्यक्रम का जिसमें हंसिका पारीख ने अपनी सुमधुर व सुरीली आवाज में एक के बाद एक गानों को प्रस्तुत कर ठंडी रात को सुरों से सराबोर कर दिया। कार्यक्रम संयोजक विनय जोशी व शेखर थानवी थे।
इरादा संस्था के अध्यक्ष विकास पुरोहित ने बताया कि मारवाड़ की आवाज की विजेता हंसिका पारीख ने इसके बाद बहे नैना भरे मोरे नैना, झरे मोरे नैना…. नन्दिनी श्रीकर का गाया रॉ वन फिल्म का गीत, तू ही रे तेरे बिना मैं कैसे जीउं…. हरिहरन व कविता कृष्णमूर्ति का गाया बॉम्बे फिल्म की गीत, मोहे रंग दो लाल नंद के लाल लाल छेड़ो नही बस रंग दो लाल….पण्डित बिरजू महाराज व श्रेया घोषाल का गाया बाजीराव मस्तानी फिल्म का गीत और तू जरुरी…. आसां नहीे यहां…. ऐसा नहीं यहां…. सुन साथिया… सैंया…. सहित अनेक प्रचलित गीतों को अपनी मीठी आवाज में सुनाया तो हॉल तालियों से गूंज उठा। हंसिका पारीख ने कई रियल म्यूजिकल शो में मुकाम हासिल किया है तथा उनकी आवाज में सुगम संगीत के साथ साथ बॉलीवुड स्टाइल, रॉक व उप शास्त्रीय गायन की झलक सुनने को मिलती है। हंसिका पारीख के कई संगीत एलबम निकले हैं तथा यू ट्यूब पर भी उनके गानों को बहुत पंसद किया जाता है। संचालन वीना मून्दड़ा ने किया। विकास पुरोहित ने संस्था के सभी आजीवन सदस्यों का स्वागत करते हुए आगामी कार्यक्रमों के बारे में बताया। इस मौके पर हरीश तलवार, कमलेश पुरोहित, इंदीवर परिहार, भरत कानूंगो, मनीष मेहता, डॉ सुरेन्द्र व्यास व डॉ राम गोयल सहित शहर के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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