फूलों का तारों का सबका कहना है…

जोधपुर। सूचना केन्द्र के मिनी ऑडिटोरियम में राजस्थान कला साहित्य संस्थान द्वारा सुरों से सजी सांझ ‘ये शाम मस्तानी’ का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर अहमदाबाद के सुप्रसिद्ध गायक दीपक जैन ने अपनी खनकती आवाज में भाई बहन के प्यार व स्नेह का प्रतीक गीत ‘फूलों का तारों का सबका कहना है…’ गाया तो समूचा हॉल तालियों से गूंज उठा। इसके बाद उन्होंने एक से बढकर एक पुराने गीत ‘क्या हुआ तेरा वादा…’ ‘जाने कहां गये वो दिन ….’ तथा कार्यक्रम के टाईटल गीत ‘ये शाम मस्तानी, मदहोश ………’ गाया तो उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध होकर झूमने पर मजबूर कर दिया।
कार्यक्रम संयोजक दिलीप जैन ने बताया कि कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध गायिका मोनिका जैन ने अपनी प्रथम प्रस्तुति में ‘दमा दम मस्त कलंदर….’ से ही जमकर दाद लूटते हुए ‘एक प्यार का नगमा है…. तथा तुमको देखा तो ये ख्याल आया….’ जैसे गीत व गजल गाकर गायन के सफर को बखुबी अंजाम दिया। वहीं गायक अभिनंदन जैन ने ‘गुलाबी आंखें जो तेरी देखी….. व नीले नीले अंबर’ गाकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिये। इस अवसर पर ब्रजेश छाजेड, राजू कोचर व विजय साहनी ने भी पुराने नग्मे सुनाऐ।
कार्यक्रम में राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष रमेश बोराणा बतौर मुख्य अतिथि व ओसवाल छात्रावास के सचिव प्रदीप गांग तथा दिनेश सिंघवी विशिष्ट अतिथि का स्वागत सुरेश, रमेश छाजेड, बसंत रेड, सावित्री जैन व सलोनी कर्णावट ने किया। इस अवसर पर राजस्थान कला साहित्य संस्थान के पदाधिकारी सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। संचालन दीपिका जैन ने किया।

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