सांप्रदायिक एकता भारत की महान प्रकृति: लखावत
जोधपुर। केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान में साम्प्रदायिक सद्भावना सप्ताह के अन्तर्गत व्याख्यान आयोजित किया गया।
कार्यक्रम मेंं एसीबी के जोधपुर (ग्रामीण) के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डा. बीएस लखावत ने साम्प्रदायिक सद्भावना और राष्ट्रीयता विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए कहा कि सांप्रदायिक एकता भारत की एक महान प्रकृति है और भारत वह देश है, जहां विभिन्न प्रकार के धर्म और उसमें विश्वास करने वाले लोग सदियों से एक साथ रह रहे हैं। भारत ने दुनिया में सांप्रदायिक एकता का महत्वपूर्ण उदाहरण स्थापित किया है। भारत दुनिया का एक मात्र ऐसा देश है जहां सभी धर्म और विश्वास के लोग लंबे समय से शांतिपूर्वक और सह-अस्तित्व की भावना का निर्वहन करते हुए हिल-मिलकर रह रहे हैं। राष्ट्रीयता को परिभाषित करते हुए डा. लखावत ने बताया कि राष्ट्रीयता एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया व भावना है जो किसी राष्ट्र अथवा देश के लोगों में भाई-चारा अथवा राष्ट्र के प्रति प्रेम एवं अपनत्व का भाव प्रदर्शित करती हैं।
संस्थान के प्रभारी निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार ने कहा कि स्वतंत्रता के पश्चात पले-बढ़े भारतीयों ने राष्ट्रवाद की पवित्र हवा में सांस ली है। राष्ट्रीयता की भावना स्वत: ही प्रबल हो जाती हैं।कार्यक्रम के संयोजक डा. महेश गौड़ ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सांप्रदायिक सद्भाव एवं राष्ट्रीय अखंडता को बढावा देना हैं और सांप्रदायिक सौहार्द का मतलब शांति और सौहार्द्र के वातावरण में सभी समुदायों का सह-अस्तित्व है।