मिश्री से मीठे थे मरुधर मधुकर मुनि: साध्वी राजमती
जोधपुर। युवाचार्य मरुधर मधुकर मुनि के 36वें पुण्य स्मृति दिवस पर निमाज की हवेली में जिनेन्द्र मुनि के सान्निध्य में गुनानुवाद सभा का आयोजन हुआ। जिसे उप्रवृतिनी राजमती ने संबोधित हुए कहा कि युवाचारय मधुकर मुनि मिश्री से मीठे ओर उज्जवल थे। वो हमेशा कहा करते थे कि मै स्वयंं अनुशासन में रह सकता हूं लेकिन किसी को अनुशासन में रख नहीं सकता। साध्वी ने उनके द्वारा सरल भाषा में पुन: रचित आगम ग्रन्थों की अनुमोदना की एवं उन्हें सरल कर्म योगी बताया।
राकेश कोचर ने बताया कि साध्वी कमल प्रभा ने भी अपने दीक्षा प्रदाता गुरु मरुधर मधुकर मुनि को काव्य भाव में श्रद्धा सुमन अर्पित किए। अन्य साध्वी वृंदों ने भी मधुकर मुनि के जिन साशन में किए गए योगदान को याद किया ओर भावपूर्ण श्रद्धा सुमन अर्पित किए। महाश्रमण जीनेद्र मुनि ने कहा कि मारवाड़ में दो मरुधर मुनि हुए एक कडक़ मिश्रीमल मरुधर केसरी एक मीठे मिश्रीमल मधुकर मुनि, ये दोनों ही संत एक दूसरे के पूरक थे। इस पावन अवसर पर कई सुश्रावकों ने भजन के रूप में अपने भाव प्रकट किए।