वकीलों ने न्यायाधीश और कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय के नये भवन में स्थानांतरित होने के बाद किराए के भवनों में चलने वाले न्यायालयों को मुख्य कचहरी परिसर में लाने की मांग तेज हो गई है साथ ही कचहरी परिसर में अवैध व्यवसायिक गतिविधियों एवं कब्जे हटाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है।ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन के आह्वान पर इन मुद्दों को लेकर अधिवक्ता समुदाय आंदोलन की राह पर चल पड़ा हैं। इन मांगों को लेकर अधिवक्ताओं का शिष्टमंडल जिला एवं सत्र न्यायाधीश महानगर से मिला एवं अधिवक्ताओं की भावनाओं से अवगत कराया, उसके बाद अधिवक्ताओं का शिष्टमंडल जिला कलेक्टर से भी मिला। उन्हें दो ज्ञापन सौंपे गए। मुख्यमंत्री के नाम से सौंपे गए ज्ञापन में मांग की है कि सरकार के खजाने से करोड़ों किराए के भवनों के नाम से जा रहे हैं, जबकि करोड़ों रूपये लगाकर हाईकोर्ट का निर्माण किया। अत: बड़ी राजस्व हानि रोकने के लिए किराए में भवनों में संचालित न्यायालयों को अविलम्ब कचहरी परिसर स्थित सरकारी भवनों में स्थानांतरित किया जाए ताकि राजस्व हानि रोकने के साथ- साथ अधिवक्ताओं और पक्षकारों को अनेक परेशानियों से बचाया जा सके।
अधिवक्ताओं ने जिला कलेक्टर से अनुरोध किया कि इस परिसर में पीडब्ल्यु की जमीन पर डिस्कॉम को हानि पहुंचाने वाले अवैध विद्युत कनेक्शन लेकर गैर न्यायिक गतिविधियों वाले व्यावसायिक काम चल रहे हैं। भारी मात्रा में अवैध दुकानों से इस भवनों का हेरिटेज स्वरूप गायब हो रहा हैं अत: एक कार्ययोजना बना कर इसे हटाया जाए। अधिवक्ताओं ने मांगे नहीं मानने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी है।
इस दौरान एडवोकट मोहन जाखड़, भोपालसिंह चौधरी, पुखराज विश्नोई, भागीरथ विश्नोई, पीआर मेघवाल, शिवलाल बरवड़, रामलाल सीरवी, विपिन नाहैलिया, किशन मेघवाल, रामचंद्र लेखावत, कैलाश जयपाल, खैराजराज, निर्मल सहित अनेक अधिवक्ता मौजूद रहे।

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