काव्य संग्रह का विमोचन व कृतिकारों का सम्मान
जोधपुर। वर्तमान में संवदेनाएं समाज से समाप्त हो रही है ऐसे में रचनाकार से इन्हें बनाये रखने की उम्मीद की जा सकती है। जोधपुर श्हर जीवित संवदेनाओं का शहर है। यह उद्गार केन्द्रीय साहित्य अकादमी नई दिल्ली के राजस्थानी भाषा के कन्वीनर मधु आचार्य ‘आशावादी‘ ने सिवांचीगेट गढी स्थित स्वामी कृष्णानन्द महाराज की तपोभूमि पर सिटिजन्स सोसायटी फॉर एज्यूकेशन के तत्वावधान में आयोजित व्यास अभिनन्दन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने उद्बोधन में व्यक्त किये। उन्होंने अपने सम्बोधन में आगे कहा कि सत्ताएं संवेदनाओं का सहेजने का कार्य नहीं कर सकती, इसलिये यह साहित्यकारों का उत्तरदायित्व कि वे अपने रचनाधर्म इसे निभायें। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अन्तर्राष्ट्रीय शाइर व चिन्तक शीन काफ निजाम ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत की पहचान विश्वभर में इसकी संस्कृति से है और साहित्य इस सांस्कृतिक पहचपान को सम्बल प्रदान करता है। कार्यक्रम का आरंभ डॉ.सुमिता व्यास के सरस्वती वन्दना व अंध विद्यालय के रामचन्द्र कडेला के नेतृत्व में विद्यार्थियों द्वारा स्वागत गीत के माध्यम से हुआ। समारोह में समाज सेवी महेन्द्र लोढ़ा को समर्पित एवं डॉ. अशोक बोहरा संकल्पित स्मारिका चिन्तन का अतिथियों द्वारा लोकार्पण किया गया। स्व. लोढ़ा के जीवन एवं उनके सेवा कार्यों पर मुकेश मांडण ने विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया। इसके बाद समारोह के प्रोफेसर प्रेमशंकर श्रीवास्तव श्रेष्ठ साहित्यिक सृजन पुरस्कार प्राप्त श्यामसुन्दर सिखवाल के काव्य संग्रह पथिक जीवन पथ का, डॉ.नृसिंह राजपुरोहित राजस्थानी साहित्य प्रतिभा पुरस्कार प्राप्त मोहन पुरोहित का काव्य संग्रह ’’सौ बॉतो री बॉत’’ के विमोचन व हाल ही में बिहारी पुरस्कार से सम्मानित आईदान सिंह भाटी का भी अभिनन्दन किया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि समाजेवी एवं नन्द किशोर राठी मेडीकल एण्ड एज्यूकेशन चेरिटेबल ट्रस्ट न्यासी सुरेश राठी द्वारा वन बंधु परिषद् द्वारा शिक्षा क्षेत्र में नवान्वेषण को समर्पित ‘एकल विद्यालय’ की परिकल्पना पर विस्तार से बताया एवं जोधपुर सम्मानित कृतिकारों को पुरस्कार राशि का चैक प्रदान किया गया। पुरस्कृत कृतियों पर डॉ. सुनील माथुर व वाजि़द हसन काजी ने विचार व्यक्त किये व राजस्थानी भाषा केन्द्रीय साहित्य अकादमी नई दिल्ली के कन्वीनर मधु आचार्य ‘आशावादी‘ का परिचय सहसंयोजक मोहनदास वैष्णव द्वारा प्रस्तुत किया गया।
सोसायटी प्रवक्ता शौकत अली लोहिया ने बताया कि इस अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातनाम शाइर, चिन्तक एवं आलोचक शीन काफ निज़ाम, विशिष्ट अतिथि सुरेश राठी, श्रीमती विमला लोढ़ा, डॉ अशोक बोहरा, सुशीला बोहरा, ब्रह्मनन्द महर्षि, प्रहलाद राम गोयल, प्रणय गर्ग, इन्जी.एस.डी.बिस्सा, अचलेश्वर बोहरा, डॉ. के.के.बोहरा, डॉ.सुनील माथुर, बसन्ती पंवार, चेतन प्रकाश सैन, अरविन्द कुमार व्यास, श्यामसिंह सजाड़ा, लुम्बाराम मेघवाल, दीपाराम सुथार, अनिल बोड़ा, रामेश्वर व्यास, कमलेश दवे, शौकत अली लोहिया, शेखर पुरोहित, राष्ट्रीय कौमी एकता कमेटी के अध्यक्ष, महासचिव हाजी अब्दुल गनी, सरदार चरणजीत सिंह सहित शिक्षा, रंगमंच तथा साहित्य से जुड़े बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित थे।