2.97 लाख का रिटर्न भरने वाले युवक पर इनकम टैक्स ने निकाल दी 2.22 करोड़ की टैक्स डिमांड
जोधपुर। भीतरी शहर के पूंगलपाड़ा में रहने वाले प्रकाश धूत की इनकम टैक्स विभाग के नाेटिस ने नींद उड़ा रखी है। मामूली नाैकरी करने वाले प्रकाश धूत ने 2017-18 के इनकम टैक्स रिटर्न में सालाना आय 2.97 लाख दर्शायी थी, लेकिन उन्हें डिपार्टमेंट से अब तक तीन नाेटिस मिल चुके हैं। इसमें बताया गया कि धूत के नाम से मुंबई में खुली दो फर्मों में 2.75 करोड़ रुपए जमा किए गए थे, जबकि धूत वर्ष 2010 के बाद मुंबई गए ही नहीं थे। प्रकाश ने पड़ताल की तो पता चला कि वर्ष 2012 में उनके नाम से खुली दो फर्मों में नाेटबंदी के दाैरान दो साल में 95 करोड़ के ट्रांजेक्शन किए गए थे। धूत ने इस कारस्तानी में धूत के दोस्त के साले रवि भट्टड़ का नाम लिया, क्योंकि वर्ष 2010 में उसी रवि ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर धूत से पैन, ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य दस्तावेज लिए थे। रवि ने उसे दो-चार बार मुंबई भी बुलाया था, लेकिन नौकरी नहीं दिलाई। धूत ने पूर्व में पुलिस को रिपोर्ट दी, कोर्ट में इस्तगासा भी किया, लेकिन दो साल बाद भी धूत की परेशानी खत्म होने की बजाय बढ़ती जा रही है, क्योंकि गत वर्ष 29 दिसंबर को आयकर विभाग ने धूत के नाम से डिमांड नोटिस जारी कर दिया। इसमें उनसे ब्लैकमनी पर 2.22 करोड़ रुपए का टैक्स और ब्याज चुकाने के आदेश दिए गए हैं। हालांकि, विभागीय अधिकारी भी इस मामले की हकीकत को समझने के बाद मानते हैं कि धूत के साथ धोखाधड़ी हुई है। विभाग भी इस फ्रॉड के मास्टरमाइंड पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। धूत के नाम पर हुए लेनदेन को विभाग ने मानी ब्लैकमनी आयकर विभाग द्वारा हाल ही में जारी नोटिस के अनुसार धूत ने रिटर्न में 2,97,440 रुपए की आय दिखाई थी। इसके अलावा मुंबई के दो खातों में भी बड़ी रकम जमा की थी। इनमें भट्टड़ इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ केशव इंडस्ट्रीज और नोवा टैक मेटल इंडस्ट्रीज के बीच भी बड़े ट्रांजेक्शन थे। पड़ताल में विभाग ने पाया कि दाे करोड़ 14 लाख 50 हजार रुपए अस्पष्ट धन है, जिसका विभाग को लेखा-जोखा नहीं मिला है। इस तरह, धूत द्वारा रिटर्न में दर्शायी गई राशि के साथ यह राशि भी इनकम मानते हुए जोड़ दी गई है। सीए गौरव माहेश्वरी की जीएसटी फ्रॉड गैंग जैसा ही है यह मामला जोधपुर के सीए गौरव माहेश्वरी और उसकी साथी जयपुर निवासी सीए परिधि जैन की गैंग ने दूसरों के दस्तावेज से फर्जी फर्में बनाकर करोड़ों का जीएसटी फ्रॉड किया था। इस पर दोनों ही चार्टर्ड अकाउंटेंट को स्टेट टैक्स डिपार्टमेंट और पुलिस ने अलग-अलग समय में गिरफ्तार भी किया। प्रकाश धूत के साथ भी इसी तरह से धोखाधड़ी हुई है। प्रकाश के नाम से मुंबई में खोली गई फर्मों में भी मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी भी रवि भट्टड़ की ही थी। पुलिस यदि केस दर्ज कर बैंक से तमाम दस्तावेज लेकर पड़ताल करे तो इसमें भी किसी बड़े गिरोह का खुलासा हो सकता है।