जोधपुर के निर्यातकों ने जलवायु को सुधारने का संकल्प लिया

जोधपुर। चेंज द क्लाइमेट तेजी से बढ़ती पर्यावरण चुनौतियों से निपटने के लिए एक सकारात्मक और कार्यवाही उन्मुख अभियान है। यह अभियान लोगों और प्रकृति के बीच सकारात्मक संबंध बनाने की कल्पना करता है। अर्थवॉर्म इंडिया जलवायु स्थिरता के लिए सकारात्मक समाधान खोजने के लिए व्यवसायिक पेशेवरों, समाजसेवी, पर्यावरण कार्यकर्ताओं, सरकारी विभागों के अधिकारियों, कृषि विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों, स्कूलों के बच्चों और वयस्कों, पंचायत सदस्यों, किसानों, युवाओं और महिलाओं सहित प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाता है।चेंज द क्लाइमेट जोधपुर सार्थक वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए अर्थवॉर्म इंडिया की एक प्रमुख पहल है जिसमेकड़ी निगरानी के साथ स्वस्थ अस्तित्व दर के साथ गुणवत्ता वाले पेड़ लगाने सुनिश्चित किये जाते है। यह हरियाली को बढ़ाने, और प्राकृतिक संसाधनों को बनाए रखने में बड़े पैमाने पर समाज के बीच जिम्मेदारी की भावना पैदा करने के लिए किया जा रहा है। जोधपुर कलात्मक फर्नीचर और ऐथनिक/पारंपरिक हस्तशिल्प के बड़े केंद्र के रूप में उभरा है। जोधपुर का हस्तशिल्प निर्यात उद्योग सामान्य रूप से राज्य की अर्थव्यवस्था और विशेष रूप से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए पावर हाउस बन गया है। निर्यात की उच्च क्षमता के लिए हस्तशिल्प क्षेत्र आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है, जिससे देश को प्रति वर्ष लगभग 1500 करोड़ रुपये की मूल्यवान विदेशी मुद्रा की कमाई होती है । हर चीज का एक मूल्य चुकाना पड़ता है। उच्च मांग को पूरा करने के लिए, हालांकि, पेड़ों को तेज गति से काटा जा रहा है लेकिन नए पेड़ उसी अनुपात में नहीं लगाए जा रहे है।किसान एग्रोफोरेस्ट्री मॉडल में रुचि खो रहे हैं और मोनोकल्चर फसलों पर निर्भर हो रहे हैं। इस प्रकार यह आवश्यक है कि व्यवसाय और पर्यावरण स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यकता और आपूर्ति के बीच एक व्यवहार्य संतुलन बनाए रखा जाए।अर्थवॉर्म इंडिया अपने प्रमुख अभियान चेंज द क्लाइमेट के माध्यम से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के 250 गाँवो में 2000 से अधिक किसानों के साथ मिलकर काम कर रहा है, इस अभियान के अंतर्गत 2 लाख से अधिक पौधे वितरित करके कृषि- वानिकी को बढ़ावा दिया गया है। 2020 वर्ष के लिए, हमने जोधपुर में कई हैंडीक्राफ्ट निर्यातकों के समर्थन के साथ 300000 से अधिक पौधे लगाने की योजना बनाई है।

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