गुरु बिना नहीं समझ सकते जीवन का सार: सुनील महाराज

जोधपुर। श्रीमती राम कंवरी कच्छवाहा पत्नी स्व. जेठूराम कच्छवाह, धर्माथ सेवा संस्थान व श्री सालासर बालाजी प्रचार एवं सेवा समिति, किसान नर्सरी कच्छवाह परिवार के संयुक्त तत्वावधान में रॉयल्टी नाका के पास प्रतापनगर में चल रही सात दिवसीय भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।आयोजक प्रभुलाल कच्छवाहा व मगराज कच्छवाहा ने बताया कि भागवत कथा के दूसरे दिन सर्व सुनील महाराज ने कहा कि गुरु की महत्ता हमारे जीवन में अनुपम है क्योंकि गुरु के बिना हम जीवन का सार ही नहीं समझ सकते हैं। हमेशा इस बात का सदैव ही ध्यान रखना चाहिए कि गुरु के समक्ष चंचलता नहीं करनी चाहिए और सदा ही अल्पवासी होना चाहिए। जितनी आवश्यकता है उतना ही बोलें और जितना अधिक हो सके गुरु की वाणी का श्रवण करें। उन्होंने कहा कि संतों का सत्संग करने से यह नहीं सोचना चाहिए कि हमें कोई बीमारी नहीं आएगी, हमारा परिवार खुशहाल रहेगा या फिर हमारा व्यापार अच्छा चल जाएगा, यह तो प्रारब्ध होता है जो इस दुनिया में आया है उसे एक दिन जाना ही है जब लाभ होता है तो हानि भी निश्चित होती है। सत्संग तो जीवन की धारा बदल देता है जिसमें आप ज्ञान और भक्ति की धारा में बहने लगते हैं, लेकिन यहां पर भी यदि कई बार लोग सत्संग करते हैं लेकिन उसका मूल नहीं समझ पाते, जिससे जीवन पर्यंत सत्संग करने के बाद भी अंत में उनको कुछ भी हासिल नहीं होता है। कथा के दूसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। भागवत कथा ज्ञान का वह भंडार है जो व्यक्ति का परमात्मा से साक्षात्कार करवाकर उसके बैकुंठ के मार्ग का प्रशस्त करती है। कथा की सार्थकता तभी है जब इसे हम अपने जीवन में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हुए जीवन को आनन्दमय और मंगलमय बनाकर आत्मकल्याण करें। कथा के दौरान 24 जनवरी को गजेन्द्र मोक्ष, वामन अवतार, राम जन्म, कृष्णा जन्मोत्सव, 25 जनवरी को बालकृष्ण लीलाएं, माखन चोरी, गोवर्धन पूजा, छप्पन भोग उसी दिन दोपहर 2 से 5 बजे तक सुन्दरकाण्डपाठ का आयोजन व 26 जनवरी को रासलीला, मथुरा गमन, कंस वध, उद्धव चरित्र, रूकमणि विवाह, 27 जनवरी को सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष, शुकदेव विदाई, पूर्णारति सहित कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।

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