भरतनाट्यम की मनोहारी विद्या ‘अरंगेत्रम’ की प्रस्तुति आज शाम

जोधपुर। भारतवर्ष संस्कृति एवं कलाओं का प्रधान देश है, जिसमें नृत्य-संगीत विशेष रुप से प्रसिद्ध हैं। नृत्य की विविध विधाओं में भरतनाट्यम एक मनोहारी एवं उत्कृष्ट नृत्य विद्या है, जिसमें नृत्यांगना अपने हाव-भाव और नेत्रों की चपलता से प्रस्तुत करते हैं। इसी विद्या को जोधपुर शहर में साकार करने के लिए श्रीमती रजनी शर्मा अपने नृत्य गुरु श्रीमती सरोजा वैद्यनाथन के सामने ‘अरंगेत्रम’ जो भरतनाट्यम की एक नृत्य विद्या की गुरुवार शाम को प्रस्तुति देगीं।
भरतनाट्यम की सुप्रसिद्ध गुरु श्रीमती सरोजा वैद्यनाथन के समक्ष अरंगेत्रम भरतनाट्यम की सुप्रसिद्ध नृत्यांगना श्रीमती रजनी शर्मा की प्रस्तुति गुरुवार शाम 5 बजे मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम हॉल में होगी, जिसमें मुख्य अतिथि महेंद्रसिंह एवं मीरासिंह एवं केके व्यास विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। अरंगेत्रम की शुरुआत पुष्पांजलि से की जाएगी, उसके बाद अलारिपू, जातिस्वरम, वर्णम, पदम, शब्दम और फिर तिल्लाम और अंत में मंगलम से समापन किया जाएगा। भरतनाट्यम की परंपरा है कि जब शिष्य एकल प्रस्तुति के योग्य हो जाता है तब उसे गुरु के सामने नृत्य प्रस्तुति देनी होती है जिसे अरंगेत्रम कहा जाता है। इसके बाद गुरु प्रदर्शन से संतुष्ट होकर उन्हें एकल प्रस्तुति की आज्ञा देते हैं। अरंगेत्रम को भरतनाट्यम की ग्रेजुएशन सेरेमनी भी कहा जाता है। अरंगेत्रम प्रस्तुति गुरुवार, बसंत पंचमी की शाम डॉक्टर संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में होगी, जिसमें नृत्यांगना श्रीमती रजनी शर्मा ने अपनी सर्वोत्तम प्रस्तुत देंगी और उनकी गुरु श्रीमती सरोजा वैद्यनाथन उन्हें एकल प्रस्तुति का आशीर्वाद देंगी। अरविंदो सेंटर, नव शिक्षा की सीनियर टीचर श्रीमती रजनी शर्मा भरतनाट्यम की शिक्षा 5 वर्षों से लगातार जोधपुर से दिल्ली प्रति सप्ताह जाकर सीखती आ रही हैं। अरंगेत्रम इनकी भरतनाट्यम की तपस्या का एक पड़ाव है।

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