सकारात्मक प्रयास से हर समस्या का समाधान संभव: संत चंद्रप्रभ
जोधपुर। संत चंद्रप्रभ महाराज ने कहा कि अच्छा काम करना हो तो हर दिन अच्छा है, बुरा काम करना हो तो मंगलवार भी बुरा है। हम जब भी परेशान हो तो आइने के सामने जाकर खडे हो जाए, हमें उसमें वह व्यक्ति नजर आएगा जो हमारी हर समस्या का हल निकालने में समर्थ है। समाधान के लिए प्रयत्न कीजिए, वरना आप स्वयं ही समस्या बन जाएंगे। प्रयास सकारात्मक हो तो हर समस्या का समाधान निकल आता है।संतप्रवर कायलाना रोड स्थित संबोधि धाम में शहरवासियों को आर्ट ऑफ माइंड मैनेजमेंट प्रोग्राम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बड़े काम की तलाश करते रहने की बजाय छोटा काम ही सही, शुरू कर दीजिए। आखिर हर बड़े का जन्म छोटी कोख से ही होता है। स्वयं को सदा इस ढंग से पेश कीजिए कि उससे ज़्यादा अच्छे तरीके से पेश कर पाना आपके लिए सम्भव न हो। उस समय विशेष शांत रहिए, जब कोई अपना गुस्सा आप पर निकालने लगे। धैर्य और शांति ही गुस्से का मुकाबला करने का शस्त्र है। हम अपने कर्मचारी के साथ इतने धैर्य और शांति से पेश आएँ कि वह अपने कर्तव्य के लिए सहज प्रेरित रहे। आखिर, हर गलती इंसान को कुछ-न-कुछ अवश्य सिखाती है। सलाह वही दीजिए, जो हितकारी हो। अपना स्वार्थ साथ में रखकर किसी को सलाह देने का अपराध मत कीजिए। नम्रता को अपने जीवन की पोशाक बनाइए। यह गुलाबी होंठों की तरह सुन्दर लगेगी। उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति पर, आत्मा की शक्ति पर और अपने शुद्ध आचरण पर विश्वास रखिए, पर स्वार्थी की प्रशंसा पर, ज्योतिषी की भविष्यवाणी पर और धूर्त व्यक्ति के आचरण पर विश्वास न करना ही श्रेष्ठ है। अकेला चना भाड़ नहीं भूंज सकता। आप जितने लोगों को अपने साथ लेकर चलेंगे, आपकी शक्ति उतनी ही बढ़ेगी। याद रखिए, संगठन संसार की सबसे बड़ी ताकत है। याद रखिए जिंदगी है तो ख्वाब है, ख्वाब है तो मुश्किलें हैं, मुश्किलें हैं तो रास्ते हैं, रास्ते हैं तो हौसला है, हौसला है तो विश्वास है, विश्वास है तो मंजिल है, क्योंकि आत्मविश्वास ही हमेशा जीतता है।इससे पूर्व संतप्रवर ने साधकों को माइंड को शांत और संतुलित करने के लिए पिंडस्थ ध्यान का प्रयोग करवाया और मुनि शांतिप्रिय सागर में साधकों को आरोग्यवान और ऊर्जावान बनने के लिए योगाभ्यास और प्राणायाम के प्रयोग सिखाएं। कार्यक्रम में मंच संचालन हनुमान सिंह चौहान और आभार योगिता ने जताया।