झण्डे की रस्म के साथ उर्स परवान चढ़ा
- ख्वाला अब्दुल लतीफ़ शाह रहमतुल्लाहि अलैहि का 117वां सालाना उर्स झण्डे की रस्म के साथ परवान चढऩे लगा
जोधपुर। आफताबे जोधपुर शाहे विलायत ख्वाला अब्दुल लतीफ़ शाह रहमतुल्लाहि अलैहि का 117वां सालाना उर्स हर साल तरह इस साल भी बड़ी शानो शौकत के साथ सोमवार को झण्डे की रस्म के साथ ही परवान चढऩे लगा है। राजस्थान के कई हिस्सों से जायरीन का हुजूम जियारत के लिए दरगाह में उमडऩे लगा है। वहीं उर्स के दौरान औलमाए किराम की तकरीर का प्रोग्राम भी मुनअकिद हुआ।
दरगाह नाजिम पीर कारी मोहम्मद अबुल हसन मीनाई चिश्ती ने सेवा भारती को जानकारी देते हुए बताया सोमवार को जौहर की नमाज के बाद महफिल व लंगर के बाद खारिया कुआ स्थित मोहम्मद सईम मीनाई के घर से झण्डे और संदल का जुलूस शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए शाम दरगाह पहुंचा। जुलूस का रास्ते में जगह-जगह स्वागत हुआ। दरगाह पहुंचने पर जुलूस का शानदर इस्तक़बाल हुआ और दरगाह शरीफ पर उर्स का झण्डा लगाया गया। इसके साथ ही उर्स परवान चढऩे लगा।
प्रवक्ता अमजद खान ने जानकारी देते हुए बताया कि झण्डे के जुलूस सज्जादानशीन पीर मोहम्मद नजमुल हसन नज़मी के सानिध्य में निकाला गया। झण्डे की रस्म के बाद औलमाए किराम की तकरीर का प्रोग्राम हुआ। उन्होंने बताया कि मंगलवार को निशाने लतीफ़ से उत्कृष्ट सेवा कार्य के लिए समाजसेवियों और नागरिक सम्मान किया जाएगा।
सज्जादानशीन ने बताया कि जोहर बाद चादर शरीफ का जुलूस मोहम्मद अय्यूब मीनाई के यहां से दरगाह शरीफ पहूंचेगा। झण्डे की रस्म अदायगी के वक़्त कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे जिनमें दरगाह नाजिम पीर अबुल हसन मीनाई, सज्जादानशीन मोहम्मद नजमुल हसन नजमी, पार्षद छोटू उस्ताद, डॉ. सैयद वसीम अहमद, मौलाना अबुल कलाम, एजाज खान पठान, असलम कलन्दरी, मकसूद अहमद, अय्यूब मीनाई, रज्जाक मीनाई, हिदायत उल्लाह, मास्टर हसनैन कुरैशी, नईम मीनाई, पीर वाहिद मीनाई और हमीम खान आदि प्रमुख थे।