न्यूजीलैंड के खिलाफ भी अजेय अभियान जारी रखना चाहेगा भारत
वेलिंगटन। शुक्रवार 21 फरवरी को जहां भारतीय महिला क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया में शुरू हो रहे अपने टी-20 विश्व कप के अभियान का आगाज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलकर करेगी। वहीं भारतीय पुरुष टीम (Team India) आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (ICC Test ChampionShip) में अपना लगातार 8वां टेस्ट जीतने के इरादे से न्यूजीलैंड के खिलाफ उतरेगी। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में टीम इंडिया न सिर्फ अभी तक इकलौती अपराजेय टीम है, बल्कि उसने इस इवेंट में खेले गए अपने अभी तक के सातों टेस्ट जीते हैं। वहीं कीवी टीम इस इवेंट में खेले गए अपने पांच मुकाबलों में से चार हार और एक जीत के साथ अंक तालिका में भारत से काफी पीछे है। भारत 360 अंक लेकर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की अंक तालिका में पहले स्थान पर है तो वहीं 60 अंकों के साथ कीवी टीम चौथे स्थान पर है।
लगातार पांचवीं टेस्ट जीत चाहेगा भारत
2018 दिसंबर से लेकर भारत अपने देश और विदेश में मिलाकर लगातार चार टेस्ट सीरीज जीत चुका है। उसने पहले ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में, उसके बाद विंडीज को उसकी जमीन पर मात दी। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश को अपने घर में मात देकर भारत न्यूजीलैंड आया है। अब उसकी नजर लगातार पांचवें सीरीज जीत पर है।विश्व कप से पहले स्मृति मंधाना की दहाड़, टीम में ऊर्जा लेकर आई हैं युवा खिलाड़ी
भारतीय टीम का पलड़ा भारी
रोहित शर्मा के चोटिल होने के कारण भारत अपने दो युवा सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल और पृथ्वी शॉ या शुभमान गिल के साथ उतरेगा। लेकिन ये सभी काफी प्रतिभाशाली हैं और भारत को अच्छी शुरुआत देने में सक्षम हैं। टीम इंडिया का मध्यक्रम चेतेश्वर पुजारा, कप्तान विराट कोहली और टेस्ट टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे की मौजूदगी में काफी मजबूत नजर आता है तो मौका मिलने पर हनुमा विहारी भी अच्छी पारी खेलने की काबिलियत रखते हैं। इसलिए मध्यक्रम में भारत के लिए ज्यादा चिंता की बात नहीं है।
गेंदबाजी भी मजबूत
टेस्ट टीम के विकेटकीपर वृद्धिमान साहा की विकेटकीपिंग क्षमता पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता है तो वहीं अभ्यास मैच में ऋषभ पंत ने भी यह अहसास कराया था कि वह सुधर रहे हैं। इसके अलावा मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, ईशांत शर्मा जैसे दिग्गज तेज गेंदबाजों के रहते तेज गेंदबाजी टेस्ट में भारत का मजबूत पक्ष बन गया है। इसके अलावा मिले मौंकों पर उमेश यादव ने भी साबित किया है कि वह किसी से कम नहीं हैं तो युवा नवदीप सैनी भी काफी प्रतिभाशाली हैं। देखना यह होगा कि भारत के दिग्गज स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा कीवी कंडिशन में कितने प्रभावी होते हैं।
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चोटों से परेशान हैं कीवी टीम
वहीं कीवी टीम की बल्लेबाजी उसके दो अनुभवी बल्लेबाज रॉस टेलर और कप्तान केन विलियमसन के ईर्द-गिर्द घूमेगी। इसके अलावा फॉर्म में चल रहे टॉम लाथम से कीवी टीम को उम्मीद रहेगी। वह यह उम्मीद करेगी कि इन तीनों का साथ अन्य बल्लेबाज दें। लेकिन उसकी असली समस्या गेंदबाजी है। नील वैगनर के घर में नया मेहमान आने वाला है। इसलिए वह पहले टेस्ट से बाहर हो चुके हैं। उनको कवर करने के लिए टीम में शामिल किए गए मैट हेनरी पूरी तरह फिट नहीं हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिसंबर में टेस्ट सीरीज के दौरान चोटिल हुए लॉकी फर्ग्यूसन फिट होकर अभी तक टीम में नहीं लौटे हैं। इसलिए तेज गेंदबाजी का सारा दारोमदार चोट से उबरकर वापसी करने वाले ट्रेंट बोल्ट के सिर पर रहेगा। उनके साथ अनुभवहीन तेज गेंदबाजी आक्रमण रहेगा। वहीं दिग्गज स्पिनर मिशेल सैंटनर भी चोट के कारण इस सीरीज से बाहर हो गए हैं। उनकी जगह टीम में मौका पाने वाले एजाज पटेल का प्रदर्शन अस्थिर रहा है। उनमें प्रतिभा तो है, लेकिन निरंतरता नहीं है।
टेलर और कीवी टीम हासिल कर सकती है बड़ी उपलब्धि
पहले मैच में उतरते ही कीवी टीम के अनुभवी बल्लेबाज रॉस टेलर एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर लेंगे। वह कीवी टीम के पहले ऐसे खिलाड़ी होंगे, जिन्होंने टेस्ट, वनडे और टी-20 अंतराष्ट्रीय तीनों फॉर्मेट में 100 या इससे अधिक मैच खेलने वाले पहले खिलाड़ी बन जाएंगे। टेलर टी-20 और वनडे में 100 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं, जबकि उन्होंने 99 टेस्ट मैच खेले हैं। वहीं कीवी टीम की बात करें तो वह टेस्ट मैच में 99 जीत हासिल कर चुकी है। अगर वह यह टेस्ट जीत लेती है तो यह उसकी 100 टेस्ट जीत होगी और वह ऐसा करने वाली सातवीं टीम बन जाएगी।
दोनों टीमें इस प्रकार है (संभावित)
विराट कोहली (कप्तान), मयंक अग्रवाल, पृथ्वी शॉ, शुभमान गिल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे (उपकप्तान), हनुमा विहारी, वृद्धिमान साहा (विकेटकीपर), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रविंद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा मोहम्मद शमी, उमेश यादव और नवदीप सैनी।
न्यूजीलैंड। केन विलियम्सन (कप्तान), टॉम ब्लंडेल, हेनरी निकोलस, रॉस टेलर, टॉम लाथम (विकेटकीपर), कॉलिन डी ग्रैंडहोम, काइल जैमिसन, डेरेल मिशेल, एजाज पटेल, टिम साउदी, नील वैगनर (पहले टेस्ट से बाहर), बीजे वाटलिंग ट्रेंट बोल्ट और मैट हेनरी।