छींक आने, नाक बहने और गले की खराशों के लिए फायदेमंद है ये शर्बत
बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं होना आम बात है। यूनानी हर्बल शरबत छींक आने, नाक बहने या गला जाम होने पर दवा के रूप में दी जाती है। इस शर्बत से इन समस्याओं में आराम मिलता है।
शरबत उस्तुखुददूस : मुलेठी, मुनक्का, सपिस्ता, गुलाब, गावजबान, खतमी व ऊद सलीब जड़ी-बूटियों को रातभर भिगोएं। इन्हें उबालकर छान लें। इनके अर्क (जूस) में शक्कर की चाशनी मिलाएं। इसे 30 मिली. मात्रा में सुबह-शाम लें।
शरबत नजला : मुनक्का, अंजीर, मुलेठी, परशियां वशां, बनफशां, खतमी, उस्तुखुददूस व जूफा को भिगोकर उबालें। छानने पर तैयार अर्क में शहद व शक्कर की चाशनी मिलाएं। इसे 10 मिली. मात्रा में गुनगुने पानी से लें।
टीबी में उपयोगी शरबत –
शरबत एजाज : यह अडूसा, बहदाना, उन्नाव, सपिस्ता और नीलोफर जैसी जड़ी-बूटियों को रात में भिगोकर उबालने के बाद तैयार जूस में शक्कर की चाशनी मिलाकर बनाया जाता है। इसे 30 मिली. मात्रा में सुबह शाम लेने से खांसी, जुकाम, नजला व टीबी रोग में फायदा होता है।