ठोस कचरा प्रबन्धन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू
जोधपुर। विकास एवं जनसंख्या वृद्धि के साथ हर स्तर पर कचरा एवं प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है तथा इसके उचित निस्तारण हेतु तकनीकी विकास एवं प्रशिक्षण जरूरी है। यह उद्गार शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (आफरी) के सभागार में निदेशक एमआर बालोचे ने हरित कौशल विकास कार्यक्रम के तहत ठोस कचरे के प्रबन्धन पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में व्यक्त किए। बालोच ने बताया कि पूर्व में मुख्यत: कार्बनिक कचरा रहता था जो आसानी से अपघटित हो जाता था परन्तु अब ई-वेस्ट एवं अन्य ठोस अपशिष्ठों का निस्तारण आसानी से नहीं होता है। उन्होंने पोर्ट ब्लेयर में डाल्फिन की मौत एवं उनके अन्दर प्लास्टिक आदि के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के डीन डॉ. श्रीकान्त ओझा ने विभिन्न प्रकार के अपशिष्ठों एवं उनके निवारण पर विस्तार से बताया। उन्होंने हरियाणा एवं दिल्ली में पराली जलाने एवं कृषि अपशिष्ठों के कारण होने वाले प्रदूषणों आदि पर विस्तत जानकारी दी। कार्यक्रम की संयोजक डॉ. संगीता सिंह ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए इस दौरान दिए जाने वाले व्याख्यानों एवं प्रायोगिक क्षेत्रों की विजिट के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालक डॉ. नीलम वर्मा ने किया। इस दौरान विगत वर्ष में प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षणथियों ने अपने-अपने क्षेत्र में किए जाने रहे कार्यक्रमों की जानकारी भी दी।