अब सौरव गांगुली पर बनेगी बायोपिक, करण जौहर से मिले दादा

मुंबई : बॉलीवुड में स्पोर्ट्स बायोपिक बनने का हाल में प्रचलन काफी बढ़ा है। सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), मोहम्मद अजरुद्दीन (Mohammad Azaharuddin), महेंद्र सिंह धोनी  समेत कई कई क्रिकेटरों पर बायोपिक बन चुके हैं और महिला भारतीय क्रिकेटर मिताली राज (Mithali Raj) पर भी बायोपिक बन रहा है। अब खबर है कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली  पर भी बायोपिक बन सकती है। इस सिलसिले में वह हाल ही में फिल्म निर्माता-निर्देशक करण जौहर से मिले थे।

करण जौहर दिखा रहे हैं दिलचस्पी

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो करण जौहर और सौरव गांगुली इस योजना पर बात की है। गांगुली को भी करण जौहर का यह विचार पसंद आया है। बता दें कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान गांगुली को भारत के सबसे अच्छे कप्तानों में शुमार किया जाता है। कहा जाता है कि उनके ही नेतृत्व में टीम इंडिया ने विदेशों में जीतना शुरू किया। वह अपने खिलाड़ियों में उत्साह भर देते थे। बताया जा रहा है कि करण जौहर गांगुली की बायोपिक में उनके इसी पहलू को प्रमुख रूप से दिखाना चाहते हैं।क्रिकेट में नहीं देखा होगा ऐसा नजारा, उल्टे बल्ले के साथ दौड़े भारी-भरकम आजम, देखें वीडियो

गांगुली की पसंद हृतिक रोशन

यह योजना चूंकि अभी सिर्फ विचार के स्तर पर है। इसलिए फिल्म को लेकर कुछ भी तय नहीं है। लेकिन यह चर्चा है कि सौरव गांगुली की भूमिका हृतिक रोशन निभा सकते हैं। इसका कारण यह है कि हृतिक गांगुली के पसंदीदा कलाकार हैं। हाल ही में एक टॉक शो में गांगुली ने कहा था कि अगर उन पर बायोपिक बनी तो वह चाहेंगे कि उनकी भूमिका हृतिक रोशन निभाए। इसके अलावा यह भी चर्चा है कि इस फिल्म का नाम दादागिरी हो सकता है। इसकी वजह यह है कि सौरव गांगुली को प्यार से दादा के नाम से ही जाना जाता है।

ऐसा रहा है गांगुली का करियर

सौरव गांगुली ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में कुल 113 टेस्ट और 311 एकदिवसीय मैच खेले हैं। इस दौरान टेस्ट की 188 पारियों में एक दोहरा शतक समेत 16 शतक और 35 अर्धशतक की मदद से 7,212 रन बनाए हैं। वहीं एकदिवसीय क्रिकेट की 300 पारियों में उन्होंने 22 शतक और 72 अर्धशतक की मदद से कुल 11,363 रन बनाए हैं। वनडे क्रिकेट में सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर की जोड़ी को सर्वकालिक महानतम जोड़ियों में से एक माना जाता है।

नाटकीयता से भरा है गांगुली का करियर

सौरव गांगुली का करियर नाटकीयता से भरा हुआ है। टीम में चुने जाने के बाद बिना खेले बाहर कर दिए गए। तीन साल बाद वापसी की तो डेब्यू करते ही लगातार दो शतक लगाया। इसके अलावा उन्होंने अपनी बल्लेबाजी और कप्तानी के जरिये भारत को कई ऐतिहासिक जीत दिलाई है। वह अपनी आक्रमक कप्तानी के लिए भी जाने जाते थे। उनके प्रशंसकों के जेहन में आज भी नेटवेस्ट ट्रॉफी जीत के बाद लॉर्ड्स की बालकनी में उनका जर्सी उतारकर लहराना याद है। गांगुली के करियर में तूफान तब आया, जब ग्रेग चैपल टीम इंडिया के कोच बने। पहले कप्तानी से हाथ धोना पड़ा, इसके बाद टीम से भी उन्हें बाहर होना पड़ा। इसके बाद उन्होंने एक बार फिर टीम इंडिया में शानदार वापसी की। कुल मिलाकर कहें तो गांगुली के करियर में काफी इमोशन है, जो एक फिल्म को सफल बनाने के लिए जरूरी होते हैं।

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