कोरोना संक्रमित के शव को बगैर किसी सुरक्षा उपकरण पहने पैक करने वाली सफाईकर्मी खुले में रात गुजारने को मजबूर
– सेवा भारती समाचार
जोधपुर। कोरोना के इलाज के प्रमुख केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध एमडीएम अस्पताल प्रशासन की एक लापरवाही कहीं भारी न पड़ जाए। शहर में कोरोना संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले शख्स की डेड बॉडी को पैक करने वाले एमडीएम अस्पताल के सफाई कर्मी क्वारैंटाइन के अभाव में सडक़ पर सो रही है। ये सफाई कर्मी डर के मारे तो न तो अपने घर जा पा रही है और न ही अस्पताल प्रशासन ने इसे क्वारैंटाइन में रखने की कोई व्यवस्था की है। तीन दिन से कोई व्यवस्था नहीं होने पर ठेके पर काम करने वाले सफाईकर्मियों ने शनिवार सुबह काम बंद कर दिया। बाद में अस्पताल अधीक्षक के हस्तक्षेप पर दोनों को कॉटेज वार्ड में क्वारैंटाइन किया गया। अब इनके सैंपल भी लिए जाएंगे।
शहर में बुधवार देर रात एमडीएम अस्पताल में प्रतापनगर क्षेत्र निवासी एक बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मौत होने के बाद उसका सैंपल लिया गया और अगले दिन दोपहर को पुष्टि हुई कि मृतक कोरोना संक्रमित था। इलाज के दौरान मौत होने के पश्चात वहां के सफाईकर्मी महिला कर्मचारियों ने बगैर किसी सुरक्षा उपकरणों को पहने पहले उसकी बॉडी को अच्छी तरह से पैक किया और मोर्चरी तक पहुंचा दिया। जैसा कि सामान्यतया अस्पताल में किसी की मौत होने पर किया जाता है। अगले दिन बुजुर्ग की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर दोनों सफाईकर्मी महिलाओं की नींद उड़ गई। उन्होंने वहां तैनात डॉक्टरों को अपनी व्यथा सुना सैंपल लेकर क्वारैंटाइन करने की गुजारिश की, लेकिन किसी ने इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया। घबरा कर दोनों सफाईकर्मी महिलाएं अपने घर भी नहीं गई। दो रात से ये दोनों महिलाएं अस्पताल परिसर में ही खुले में रात गुजारने को मजबूर हो गई। साथ ही अन्य सफाईकर्मियों ने भी इनसे दूरी बना ली। बार-बार आग्रह के बावजूद व्यवस्था नहीं होने पर आज एमडीएम अस्पताल में ठेके पर काम करने वाले सभी सफाई कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया और विरोध किया। बाद में अस्पताल अधीक्षक डॉ. एमके आसेरी तक मामला पहुंचा। उन्होंने तुरंत मामले में एक्शन लेते हुए दो सफाईकर्मी महिलाओं को कोटेज वार्ड में क्वारैंटाइन करने का आदेश दिया। साथ ही दोनों के सैंपल लेकर जांच में भेजने को कहा। डॉ. आसेरी ने बताया कि किसी कारण से ऐसा हो गया। गलती को जानकारी में आते ही सुधार दिया गया है। भविष्य में ऐसे मामलों में अतिरिक्त सावधानी बरती जाएगी। हमारे लिए अस्पताल में कार्य सभी डॉक्टरों से लेकर सफाईकर्मचारी तक सभी समान रूप में महत्व रखते है।
डॉ. आसेरी ने बताया कि एमडीएम अस्पताल की मोर्चरी को अब कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित कर दिया गया है। सामान्य बीमारी से मौत होने पर अब शवों को महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में भेजा जाएगा। वैसे तो सरकार की गाइड लाइन है कि कोरोना संक्रमित की मौत होने पर उसे वार्ड से ही सीधा प्रशासन को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया जाए। लेकिन कुछेक मामलों में मजबूरी में यदि शव को मोर्चरी में रखना पड़ा तो उसके लिए एमडीएम अस्पताल की मोर्चरी में विशेष व्यवस्थाएं की गई है।