किसानों को उपज बेचान की मिली सुविधा

– सेवा भारती समाचार

जोधपुर। राज्य के 24 जिलों की 68 केवीएसएस तथा 32 जिलों की 420 ग्राम सेवा सहकारी समितियों को कृषि जिन्सों के क्रय-विक्रय के नियमन के लिए निजी गौण मंडी घोषित किया गया है जिससे किसानों को अपने खेत एवं गांव के नजदीक ही उपज बेचान की सुविधा प्रदान की गई है तथा कृषि उपज मंडियों के अनुरूप ही कृषि जिन्सों को खुली नीलामी में बेचकर प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य की सुविधा मिलेंगी।
प्रमुख शासन सचिव सहकारिता एवं कृषि नरेश पाल गंगवार ने शनिवार को बताया कि कोरोना महामारी के चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों को होने वाले संक्रमण से बचाने एवं सामुदायिक संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए नियमों में शिथिलता प्रदान कर सहकारी समितियों को निजी गौण मंडी प्रांगण घोषित किया है ताकि किसानों को कृषि उपज बेचान के लिए दूर नही जाना पडे एवं नजदीकी स्थल पर ही उचित मूल्य पर किसान को उसकी फसल का वाजिब दाम मिल सके। निजी गौण मंडी घोषित सहकारी समितियों को कार्य करने में वित्तीय सहायता की कमी नही हो इसके लिए सभी केन्द्रीय सहकारी बैंकों को नियमानुसार बिना प्रतिभूति के सुख-सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश भी प्रदान कर दिये गये है।

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