जिले में अब तक 4 हजार 90 घर होम आइसोलेशन घोषित

 जोधपुर। नॉवेल कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को सीमित करने व चैन तोडऩे के लिए प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर पहलू पर नजर बनाए हुए है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बलवंत मण्डा ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने हेतु सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के निर्देशानुसार सर्वे के दौरान स्क्रीनिंग में सामान्य सर्दी जुखाम व खांसी (आईएलआई) के मरीज, हाई रिस्क केटेगरी वाले सदस्य जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक हो, क्रोनिक डिजीज (पुरानी बीमारी) के मरीज किसी भी आयु वर्ग हो, गर्भवती महिलाओं आदि को हाई रिस्क केटेगरी के तहत उन्हें भी एहतियात के तौर पर होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है। डॉ. मण्डा में बताया कि अब तक जोधपुर जिले में 4090 घरों को होम आइसोलेशन की श्रेणी में रखा गया है, जिनमे से शहर में घोषित तीन कंटेन्मेंट जोन मसूरिया में 681, केके कॉलोनी में 285 व नागौरी गेट में 128 घरों को हाई रिस्क श्रेणी में चिन्हित कर नियमानुसार चेतावनी स्वरूप होम आइसोलेशन का नोटिस चस्पा कर उक्त मकान मालिक को पाबन्ध किया गया है। होम आइसोलेशन के प्रोटोकॉल के अनुसार नियमित निगरानी हेतु राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) टीमों के साथ ही खण्ड स्तरीय स्वास्थ्य दलों द्वारा मोनिटरिंग की जा रही है। साथ ही शहर में स्वास्थ्य दलों द्वारा निरन्तर डोर टू डोर सर्वे, स्क्रीनिंग का अभियान जारी है।ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात एलटी लेंगे सैम्पल: सीएमएचओ डॉ. बलवंत मण्डा ने बताया कि शहर में कोरोना के संक्रमण के प्रभाव को देखते हुए जिला आपदा प्रबंधन के निर्देशानुसार जिले के ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रो पर कार्यरत लेब टेक्नीशियन को कोरोना के सैंपल लेने के लिए प्रशिक्षित किया गया। उन्होंने बताया कि कनेटमेंट जोन में संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए अधिक से अधिक सैम्पल लेकर उनकी जांच की जा रही है, ताकि कोई भी संक्रमित मरीज पीछे ना छूटे। जिला प्रजनन एव शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कौशल दवे ने बताया कि जिले के सीएचसी व पीएचसी पर कार्यरत लेब टेक्नीशियन को बुधवार को सीएमएचओ कार्यालय सभागार में प्रशिक्षण कार्यशाला में कोरोना वायरस के सैंपल लेने के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्हें बताया कि चिन्हित संदिग्ध मरीजो को सैम्पल लेने से पूर्व स्वयं की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखने के लिए पीपीई किट पहनने व उतारने की विधि के साथ ही किस प्रकार सैम्पल लेकर जांच हेतु सुरक्षित रूप से भेजा जाए इसके लिए प्रशिक्षण दिया।

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