लॉकडाउन के कारण रोजेदार घरों में रहकर कर रहे है खुदा की इबादत

सेवा भारती संवाददाता
जोधपुर। इबादतों और बरकतों का महीना रमजान शुक्रवार शाम चांद दिखने के बाद से ही शुरू हो गया। शनिवार को मुस्लिम समाज के लोगों ने रमजान माह का पहला रोजा रखा। दिन भर भूख प्यास के बीच इबादत करते हुए शाम को रोजेदारों ने इफ्तारी के साथ पहला रोजा खोला। हालांकि इस बार कोरोना संकट के बीच आए रमजान माह के दौरान रोजेदार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए काफी एहतियात भी बरत रहे हैं। रोजेदार लॉकडाउन के कारण घरों में ही रहकर खुदा की इबादत कर रहे है। आमतौर पर देखने में आता है कि रमजान माह में मस्जिदें इबादत करने वालों से भरी रहती है लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते मस्जिदें सूनी हैं। महज मस्जिद के इमाम और मुअज्जिन (अजान देने वाला) ही हैं। लोग घरों में ही रहकर पांचों वक्त की नमाज और तरावीह और कुरान की तिवालत अपने घरों में ही कर रहे हैं, घरों में भी नमाज के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। बता दे कि इस्लाम धर्म में रमजान माह का साल भर इंतजार रहता है। यहीं वो समय होता है जब हर कोई खुदा के बताए रास्ते पर चलने के लिए इबादत करता है। नमाज़, तरावीह नमाज़, इफ्तार ,सहरी और इबादत, इन्हीं के जरिए दुआ की जाती है नेकी के रास्ते पर चलने की लेकिन इस बार रमजान माहे ऐसे समय आया है जब पूरी दुनिया में कोरोना की महामारी ने पैर पसार लिए, लिहाजा सामूहिक नमाज या मस्जिद में जाकर नमाज करना अब संभव नहीं है। कोरोना की रोकथाम के लिए सबसे जरुरी है सोशल डिस्टेंसिंग। यही कारण है कि इस बार धार्मिक उलेमाओं के साथ ही राजनीतिक दलों से जुड़े नेता भी लोगों से घरों में रहकर ही इबादत करने की अपील कर रहे हैं।
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