अक्षय तृतीया पर नहीं सुनाई देगी शहनाई की गूंज

जोधपुर। अक्षय तृतीया (आखा तीज) का पर्व रविवार को मनाया जाएगा लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से सबसे बड़े अबूझ मुहूर्त आखातीज पर ना तो शहनाई की गूंज सुनाई देगी और ना कोई शादी की धूमधाम होगी। खुशियों के मौसम को कोरोना का ग्रहण लग गया है। लॉकडाउन की वजह से आखातीज पर तय हो चुकी हजारों शादियां स्थगित हो गई है। आखा तीज को अबूझ सावा माना गया है। मान्यता है कि इस दिन बिना मुहूर्त पूछे भी विवाह आदि मांगलिक उत्सवों का आयोजन किया जा सकता है। सनातन परंपरा में वैशाख मास को सबसे बड़ा महीना कहा जाता है और 14 अप्रैल के बाद ही मीन मलमास भी समाप्त हुआ था लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते सबसे बड़े सावे पर कोई विवाह आदि मांगलिक आयोजन नहीं हो पाएंगे। जोधपुर में बाजार संपूर्ण बंद है। परकोटा शहर में कफ्र्यू है। यहां किसी प्रकार की दुकान नहीं खुली है। इसके अलावा जो शहर का हिस्सा है वहां लॉकडाउन की पालना में जरूरत के सामान की वस्तुएं ही मिल रही हैं। कपड़ा व ज्वैलरी उद्योग संचालन की अनुमति नहीं है। ऐसे में यह व्यापार ठप है। हर साल आखा तीज पर शहर में 500 से 700 के बीच शादियां होती हैं। सभी लोगों ने शादियां स्थगित कर दी हैं। प्रदेशभर में धारा 144 लागू होने के कारण शादी के लिए प्रशासन की अनुमति लेना आवश्यक है। आयोजक को शपथपत्र पर लिख कर देना होगा कि शादी समारोह में 5 से अधिक लोग शामिल नहीं होंगे। यादगार लम्हों के साक्षी भी 5 से कम लोग ही बन सकेंगे। शादी समारोह में मास्क लगाना जरूरी होगा। जिले में जो शादियो होगी उनमें भी सोशल डिस्टेंस और कई नियमों का पालन किया जाएगा।

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