जोधपुर में एक और मौत कोरोना संक्रमण से अब तक तीन मरे, संक्रमितों का आंकड़ा 342 तक पहुंचा
- कार्यालय संवाददाता
जोधपुर। विश्वव्यापी महामारी बन चुके कोरोना वायरस का कहर जोधपुर शहर में जारी है। लगातार इसके आंकड़े बढ़ रहे है। शनिवार रात तक 24 नए संक्रमित सामने आने से इसकी संख्या बढक़र 342 तक पहुंच गई। इनमें से 12 एम्स और 12 मेडिकल कॉलेज की जांच में पॉजिटिव पाए गए। आज मिले संक्रमितों में कल पॉजिटिव मिले हाईकोर्ट रीडर की मां व बच्चे भी संक्रमित मिले है। वहीं अब तक 70 जनों को कोरोना मुक्त होने पर अस्पताल से छुट्टी देकर घर भेजा जा चुका है। इधर एम्स में भर्ती एक 65 वर्षीय कोरोना संक्रमित की मौत हो गई। शहर के मोहनपुरा पुलिया क्षेत्र में रहने वाले दिनेश परिहार को शुक्रवार को जोधपुर एम्स में भर्ती कराया गया था। आज जांच रिपोर्ट में इन्हें पॉजिटिव पाया गया था। शनिवार रात एम्स में इलाज के दौरान इनकी मौत हो गई। कोरोना से शहर में यह तीसरी मौत है। इससे पहले प्रताप नगर क्षेत्र के 77 वर्षीय बुजुर्ग लालचंद व खेतानाडी क्षेत्र के 59 वर्षीय मोहम्मद हाफिज की कोरोना से मौत हो चुकी है।
बताया गया है कि दिनेश परिहार को तबीयत गड़बड़ाने पर शुक्रवार दोपहर परिजन जांच के लिए एम्स में लेकर पहुंचे। उन्हें ब्लड प्रेशर सहित कुछ अन्य बीमारियां पहले थी। एम्स में उन्हें भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। कोरोना जैसे लक्षण पाए जाने पर डॉक्टरों ने एहतियात के तौर पर उनका सैंपल लेकर इलाज शुरू कर दिया। आज शाम को एम्स की जांच रिपोर्ट में दिनेश परिहार को पॉजिटिव पाया गया था। रात को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। कोरोना संक्रमित की मौत होते ही प्रशासन ने मोहनपुरा पुलिया क्षेत्र को घेरे में ले लिया है और पूरे क्षेत्र में सघन जांच अभियान शुरू किया गया है। इधर आज संक्रमित पाए गए अधिकांश लोग भीतरी शहर के रहने वाले है, लेकिन तीन नए क्षेत्रों में संक्रमित मिलने से प्रशासन की दिक्कतें बढ़ गई है। आज मोहनपुरा पुलिया क्षेत्र, महामंदिर व प्रतापनगर क्षेत्र से एक-एक नए पॉजिटिव मिले है। हालांकि प्रतापनगर में पहले एक कोरोना संक्रमित की मौत हो चुकी है, लेकिन उसके कई दिन तक क्षेत्र में कोई नया मरीज नहीं मिला था। इसी तरह महामंदिर और मोहनपुरा पुलिया क्षेत्र में पहली बार कोरोना संक्रमित मिले है। वहीं कल शास्त्रीनगर के एच सेक्टर में प्रवेश करने वाले कोरोना ने आज जी सेक्टर में भी प्रवेश कर लिया। एच सेक्टर में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हाईकोर्ट के रीडर की मां व दो बेटे पॉजिटिव पाए गए है।
नए क्षेत्रों में फैलाव से चिंता बढ़ी
नए क्षेत्रों में कोरोना के फैलाव ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। भीतरी शहर में कोरोना का फैलाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक कर नए क्षेत्र इसकी चपेट में आ रहे है। आज मिले अधिकांश मरीज नए क्षेत्रों से है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में पहले से कफ्र्यू लगा हुआ है। इसके बावजूद संक्रमण तेजी से फैल रहा है। शास्त्रीनगर इलाके में आज फिर नया केस सामने आया है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि वायरस को प्रकोप अब बाहरी हिस्सों में भी पैर पसारने लगा है। इसको लेकर प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। शास्त्रीनगर इलाके को भी पूर्ण रूप से सील कर दिया गया है। इस दौरान दो संक्रमितों की मौत भी हुई है।
26 जनों ने कोरोना को दी मात
शहर में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच शनिवार को अस्पताल से सुखद समाचार भी मिला। एमडीएम अस्पताल से एक साथ 26 जनों को कोरोना मुक्त होने पर घर भेज दिया गया। यह पहला अवसर है जब एक साथ 26 जने कोरोना को पराजित कर अपने घर लौटे। शहर में अब तक मिले कुल 324 कोरोना संक्रमितों में से 70 जने कोरोना से जंग जीत अपने घर लौट चुके है। इसके अलावा आज पोकरण के भी चार जनों को ठीक होने पर घर भेजा गया।
शहर में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। कई दिन से रोजाना नित नए क्षेत्रों से कोरोना संक्रमित मिल रहे है। शहर में कोरोना संक्रमण एक माह में ही 100 गुना बढ़ चुका है। 23 मार्च को शहर में केवल 3 संक्रमित थे।एक ही माह में यानी 23 अप्रेल को यह 300 के आंकड़े को पार कर 308 पहुंच गए हैं। पहले 100 मरीज तक संक्रमण की गति धीमी थी। पहले 100 मरीज 25 दिन में आए थे। 15 अप्रेल को मरीज 100 की संख्या को पार कर 119 पहुंच गई थी।
इसके बाद तो संक्रमण खतरनाक रफ्तार से बढ़ रहा है। 4 ही दिन बाद 19 अप्रेल को संक्रमितों की संख्या 200 का आंकड़े से बाहर, यानी 230 पहुंच गई। इस तरह शहर में अब तक 324 मरीज मिल चुके है। लेकिन नए संक्रमितों के मिलने के साथ ही पुराने मरीजों के ठीक होने की रफ्तार में भी तेजी आई है। यहीं कारण है कि 70 लोग ठीक होकर अपने घर पहुंच चुके है। जोधपुर के एमडीएम अस्पताल से कल रात कोरोना को पराजित करने वाली सबसे अधिक उम्रदराज 90 वर्षीय चुन्नी देवी को घर भेजा गया था। चुन्नी देवी 14 अप्रेल को कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। जबकि उनके 9 परिजनों को आंगणवा के क्वारैंटाइन सेंटर में ही रखा गया। चुन्नीदेवी ने महज 11 दिन में ही अपने हौसले के दम पर डॉक्टरों के सहयोग से कोरोना को मात दे दी। डॉक्टरों ने कल रात जब उन्हें विदाई दी तो वे सभी को राम-राम बोलते हुए घर जाने के लिए एम्बुलेंस में सवार हो गई।