आर्थिक संकट में भी एलआईसी नम्बर वन
- पॉलिसी की संख्या, प्रीमियम और मार्केट शेयर में बढ़ोतरी के साथ किया दो करोड़ के दावों का भुगतान
सेवा भारती समाचार
जोधपुर। कोरोना महामारी के संकट के दौर में लॉक डाउन और आर्थिक मंदी के चलते जहां बीमा कंपनियां अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रही है, वहीं भारतीय जीवन बीमा निगम ने इस वित्तीय संकट में भी अपने कारोबार में शानदार प्रदर्शन किया है। एलआईसी की पॉलिसी की संख्या में ना केवल प्रगति दर्ज की गई है वरन प्रथम वर्ष के प्रीमियम, मार्केट शेयर में सुधार और 2 करोड़ से अधिक दावों का निपटारा भी किया है।
एलआईसी के वरिष्ठ प्रबंधक सुधांशु मोहन मिश्र आलोक ने बताया कि भारत के सबसे बड़े जीवन बीमाकर्ता भारतीय जीवन बीमा निगम ने कोविड-2019 के संकट के चलते इस कठिन समय में भी अपना प्रदर्शन एवं सेवा को बेहतर बनाए हुए है। 2019-20 के वित्तीय वर्ष में एलआईसी ने गत छह वर्षों में सबसे अधिक पॉलिसियां की हैं। मार्च 2020 तक निगम के व्यक्तिगत नए व्यवसाय प्रदर्शन ने पॉलिसियो की संख्या में 2.19 करोड़ और प्रथम वर्ष की प्रीमियम आय में 51,227 करोड़ रुपए अर्जित किए है। कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित पखवाडे में निगम ने 21,967 करोड़ रुपए का सिंगल प्रीमियम और 29260 करोड़ रुपए का नॉन सिंगल प्रीमियम एकत्र किया है। जो एकल प्रीमियम के लिए 42.88 प्रतिशत और गैर-एकल प्रीमियम के लिए 57.12 प्रतिशत था। उन्होंने बताया कि एलआईसी पेंशन और ग्रुप स्कीम्स वर्टिकल ने फाइनेंशियल ईयर 2019-20 के दौरान एक ट्रिलियन प्रीमियम आय से अधिक की कमाई करके एक नया रिकॉर्ड बनाया। पिछले वर्ष 39.01 प्रतिशत की वृद्धि दर और पिछले वर्ष के 77.94 प्रतिशत की तुलना में 80.54 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी के साथ पिछले वर्ष में 91,179 करोड़ रुपए की तुलना में समूह योजनाओं के रूप में 126,749 करोड़ रुपए एकत्र किए। कुल मिलाकर एलआईसी ने निजी कंपनियों की तुलना में प्रथम वर्ष प्रीमियम आय में 25.17 प्रतिशत तथा सामूहिक रूप से 11.64 प्रतिशत की प्रीमियम वृद्धि दर हासिल की है। बीमा उद्योग की सकारात्मक वृद्धि में एलआईसीने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। 31 मार्च 2020 को पॉलिसी संख्या और प्रथम वर्ष के प्रीमियम में कंपोजिट मार्केट शेयर क्रमश: 75.90 प्रतिशत और 68.74 प्रतिशत है, जो कि पॉलिसी संख्या में 1.19 प्रतिशत और प्रथम वर्ष के प्रीमियम में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। दावों के निपटारे में एलआईसी ने 31 मार्च तक लॉकडाउन की गंभीर बाधाओं के बावजूद 2.03 करोड़ की परिपक्वता और मनी बैक के दावे और वार्षिकियों का भुगतान किया है। इसके अलावा 7.50 लाख लोगों की मृत्यु के दावों का निपटारा करने के साथ ही मार्च और अप्रैल में देय वार्षिकी भुगतान भी नियत तारीखों पर किए गए हैं। मिश्र ने एलआईसी के उत्कृष्ट प्रदर्शन का श्रेय ग्राहकों के विश्वास, कर्मचारियों, एजेंटों और चौनल भागीदारों की टीम को समर्पित किया है।