अनार की खेती करने वाले काश्तकार में जागी उम्मीद की लहर
- जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता की एक अपील सहारा व वरदान बन गई
सेवा भारती समाचार
जालोर। आप उस काश्तकार की मायूसी और घर परिवार की दयनीय स्थिति के बारे में अंदाजा लगा सकते हैं जिसके अथक परिश्रम करने से फसल उसके सामने हो, लेकिन कोरोना संक्रमण बचाव प्रबन्धन के चलते लॉक डाउन की स्थिति में उस काश्तकार को अपनी फसल को बेचने के लिये बाजार न मिले। चारों ओर से निराश काश्तकार को जब प्रशासन का सहारा मिल जाये और उसे फसल के लिये सभी प्रकार की विपणन एवं मार्केटिंग व्यवस्थायें उपलब्ध हो जायें तो निश्चय ही ऐसे काश्तकारों के लिये जिला प्रशासन व अधिकारी श्रद्धा का पात्र बन जाते हैं, जिसने उनकी डूबती नैया को भंवर में से निकाला हो। ऐसी स्थिति में अनार की खेती करने वाले काश्तकारों के लिये जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता की एक अपील उनके लिये सहारा व वरदान बन गई। जिस अनार की फसल की बेचान के सभी रास्तें बंद हो चुके थे, काश्तकारों के पास सब्र और हानि सहन करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं रह गया था। जिला कलक्टर ने उनकी दयनीय स्थिति को देखते हुए अनार की बिकवाली के लिए देश के अनार व्यवसायियों हेतु एक अपील जारी की थी। इसके ऐसे प्रभावी परिणाम सामने आये कि अनार की खेती करने वाले काश्तकारों को ऐसा संबल मिला कि वे भविष्य में भी इसकी खेती को करने हेतु पुनर्जीवित हो उठे हैं।
जालोर जिले के सायला, सांचौर व बागोड़ा क्षेत्र के लगभग 160 अनार उत्पादक काश्तकारों का लगभग 500 मैट्रिक टन अनार लॉक डाउन के कारण बिक्री से वंचित हो रहा था। मध्य मार्च के पश्चात् अनार की फसल बाजार में बिकने के लिए जाने वाली थी उसी समय कोरोना के भय से न केवल जिले में अपितु पूरे देश में लॉक डाउन हो गया। काश्तकारों के सामने अपनी इस फसल को खराब होते हुए देखने के सिवाय और कोई चारा नहीं रह गया था। ऐसे समय में जिला कलक्टर जालोर हिमांशु गुप्ता ने कृषि विभाग से अनार की खेती करने वाले काश्तकारों का सर्वे करवाकर तत्काल सूची तैयार करवाई और स्थानीय व बाहरी होलसेल व खुदरा अनार खरीदने व्यापारियों के नाम अपील जारी की। इसके परिणाम स्वरूप जिले का अनार बिक्री के लिए राज्य के अन्य जिलों तथा देश के असम, गुजरात तथा पश्चिम बंगाल में पहुंचने लगा है। कृषि विभाग के जिला कृषि अधिकारी फूलाराम मेघवाल व अन्य कार्मिकों ने भी इस कार्य को करने में कंधे से कंधा मिलाकर काश्तकारों के साथ सहयोग किया। विगत एक सप्ताह में लगभग 125 मैट्रिक टन अनार बिक्री होकर देश के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंच चुका है। जिला कलक्टर ने बताया कि लॉक डाउन में अनार की पैकिंग तथा परिवहन करने वाले श्रमिकों को बाकायदा नियमों का पालन करते हुए सावधानी बरतकर ट्रकों में माल भरने का कार्य करवाया जा रहा है। जिले में अनार की फसल को बाहर बेचने व भेजने का क्रम अभी भी जारी है।