मजदूर दिवस: घरों में दब गई मजदूरों की आवाज, नहीं निकला जुलूस, नहीं हो पाई सभा
सेवा भारती समाचार
जोधपुर। एक मई मजदूर दिवस पर कोरोना वायरस व लॉक डाउन के कारण मजदूरों के हक के लिए आवाज बुलंद करने वाले मजदूर घरों में ही रहे। शहर में आज लाल सैलाब दिखाई ही नहीं दिया। तात स्मारक और मजदूर मैदान से निकलने वाले जुलूस भी दिखाई दिए। न ही मजदूर जिंदाबाद के नारे लगे।
97 साल के लंबे इतिहास में शायद यह पहला मौका था जब मई दिवस पर किसी प्रकार की कोई विचार गोष्ठी तक नहीं हुई। न ही किसी प्रकार का कोई समारोह हुआ। मजदूर दिवस पर सोशल मीडिया के जरिए व ट्वीट करके बधाइयां जरूर बांटी गई। इधर मजदूर दिवस पर राजस्थान ट्रेड यूनियन केन्द्र (आर सीटू ) ने आज के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए और मजदूरों से घर पर रह कर मजदूर दिवस मनाने की अपील की है।
अपने घरों में श्रद्धासुमन अर्पित: प्रतिवर्ष 1 मई को अन्तरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है। मगर इस बार कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए मजदूर दिवस नहीं मनाया गया है। मजदूर नेताओं ने अपने घरों में ही दिवंगत नेताओं को श्रद्धासुमन अर्पित कर भावांजलि दी। ना तो जुलूस निकल पाया और ना ही कोई आमसभा मजदूरों के पक्ष में हो पाई। इस दिन लाखों की संख्या में मजदूर अपने हकों की लड़ाई के लिए सडक़ों पर उतर कर रैली निकाल प्रदर्शन व सभाएं करते है।