कॉविड-19 महामारी के कारण हुए लॉकडाउन से परिवेशी वायु गुणवत्ता में स्थिति संतोषजनक है।
- सेवा भारती समाचार
पाली। कॉविड-19 महामारी के कारण हुए लॉकडाउन से परिवेशी वायु गुणवत्ता में स्थिति संतोषजनक है। मोडिफाइड लॉकडाउन की अवधि में पाली जिले में वायु गुणवत्ता की स्थिति में सुधार दर्ज किया गया है। मण्डल द्वारा प्रीलॉकडाउन, लॉकडाउन तथा मॉडिफाइड लॉकडाउन की अवधि का परिवेशी वायु गुणवत्ता, प्रमुख प्रदूषणों तथा नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड जैसे मापदंडों द्वारा तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। कोविड-19 महामारी के खतरे से निपटने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में 22 से 31 मार्च तक लॉकडाउन लगाया गया था इसमें यात्रा पर लगाए गए कड़े प्रतिबंध और वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों सहित गैर-आवश्यक गतिविधियों को बंद करने के परिणाम स्वरूप राज्य के कई कस्बों और शहरों में वायु की गुणवत्ता में सुधार आंका गया है।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल अपने 10 सतत परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों ¼ जयपुर-3, अलवर-1, अजमेर-1, भिवाड़ी-1, जोधपुर-1, कोटा-1, पाली-1 और उदयपुर-1) के नेटवर्क के माध्यम से राज्य में वायु गुणवत्ता की निगरानी कर रहा है। वायु गुणवत्ता पर लॉकडाउन के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए इन स्टेशनों से उत्पन्न आंकड़ों के आधार पर वायु गुणवत्ता सूचकांक ¼AQI½ और प्रमुख प्रदूषकों जैसे PM10] PM2-5 और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे मापदंडो का एक संक्षिप्त विश्लेषण देखा गया है । राज्य मंडल ने 15 एवं 24 अप्रेल को दो रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें राज्य की परिवेशी वायु गुणवत्ता पर लॉकडाउन के प्रभाव का विश्लेषण किया गया था। मंडल ने रिपोर्ट के तीसरे भाग में, राज्य की परिवेशी वायु गुणवत्ता और प्रमुख प्रदूषकों जैसे PM10] PM2-5 और नाइट्रोजन डाइ ऑक्साइड जैसे मापदंडो को तीनों अवधियों यानी प्री- लॉकडाउन अवधि, लॉकडाउन अवधि यानी 22 मार्च से 19 अप्रेल तक और मॉडिफाइड लॉकडाउन अवधि (20 अप्रेल से 3 मई) से तुलना की गयी है। अजमेर, अलवर, कोटा और पाली में लॉकडाउन अवधि की तुलना में मॉडिफाइड लॉकडाउन अवधि में वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया है। इसी तरह भिवाड़ी, जयपुर (पुलिस कमिश्नरेट), जयपुर (साइंस पार्क), जोधपुर और उदयपुर में भी मॉडिफाइड लॉकडाउन के दौरान PM10 और PM2&5 के स्तर में बढ़ोत्तरी पायी गयी है। भिवाड़ी, जयपुर (पुलिस कमिश्नरेट) और पाली को छोड़कर सभी स्टेशनों पर मॉडिफाइड लॉकडाउन के दौरान NO2 का स्तर बढ़ा हुआ पाया गया है।