दो हजार आशा सहयोगिनी कोरोना योद्वा बनकर कार्यरत
- आशा सहयोगिनी रीटा ने एक ही परिवार के 23 व्यक्तियों को संक्रमण से बचाया
सेवा भारती समाचार
जोधपुर। कोरोना संक्रमण के बचाव व रोकथाम के तहत सर्वे व स्क्रीनिंग कार्य में अहम कड़ी के रूप में जिले में लगभग 2 हजार 78 कार्य आशा सहयोगिनियों का योगदान महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। आशाएं पूरे दिन सर्वेदल टीमों के साथ डोर टू डोर सर्वे एवं स्क्रीनिंग व सैम्पलिंग कार्य करने में लगी रहती है। सीएमएचओ डॉ. बलवंत मण्डा ने बताया कि 211 आशाएं जोधपुर शहरी क्षेत्र में कोरोना के खिलाफ ढाल बनकर खड़ी है। आशाएं कोरोना संक्रमण के बचाव एवं रोकथाम, सर्वे, स्क्रीनिंग व सैंपलिंग आदि कार्यो में अहम भूमिका निभा रही है। आशा स्वास्थ्य विभाग की वो वर्कर है जो समुदाय के बीच रहकर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही प्रत्येक परिवार से सीधा जुड़ी होती है। यही जुड़ाव कंटेन्मेंट जोन में सघन सैंपलिंग में मददगार साबित हो रहा है। आशाएं कनेटमेंट जोन के लोगो को समझाने में अपनी अहम भूमिका निभाते हुए प्रेरित कर रही है। जिसका असर यह हुआ कि जोधपुर में अब तक 30 हजार से अधिक लोगो की सैंपलिंग की जा चुकी है। साथ ही उन्हें थोड़ा सा भी समय मिलता है, तो वे कोरोना माहमारी की इस जंग मे एक योद्धा के साथ ही दानवीर बनकर अपनी ओर से सहयोग के भाव से घर पर मास्क व सर्जिकल हेड कैप आदि बनाकर आमजन व स्वास्थ्य दलों को नि:शुल्क वितरण कर अपनी सेवाएं देती नजर आ रही है। चिकित्सा विभाग में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली व अंतिम कड़ी के रूप में पहचान वाली आशाओ को भी जिला कलक्टर के द्वारा इस महामारी में कार्य करने पर प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। ऐसी ही एक आशा सहयोगिनी रीटा ने समझाइश कर करवाई जांच में एक परिवार के 23 व्यक्ति सुरक्षित हुए। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कलाल कॉलोनी के अधीन आने वाले वार्ड नम्बर 52 मे कार्यरत आशा सहयोगिनी रीटा सजगता से कोरोना संक्रमण को खोज निकाला। कागा कागड़ी मोहल्ले में सर्वे के दौरान वहां शबाना नाम की एक गृहिणी मिली जिन्हें बार-बार खांसी की तकलीफ हो रही थी। रीटा बताती है कि उसे पता चला कि शबाना हाल ही में अपने पीहर हॉटस्पॉट नागौरी गेट भी जाकर आई है। उसके लक्षण देख आशा रीटा ने शबाना और उनके परिजनों से जांच करवाने की बात कही लेकिन उनकी बात को सिरे से नकार दिया कि जांच नही कराएंगे वो ऐसे ही ठीक हो जाएगी। रीटा की जिद्द व समझदारी के बल पर शबाना व उसके परिजनों को समझाया कि कोरोना की जांच करवाने से उसके संक्रमण का पता भी चल जाएगा, साथ ही शबाना एक संयुक्त परिवार में रहती थी, तो उन्हें यह भी बताया कि परिवार के करीब 23 सदस्य भी इस संक्रमण से सुरक्षित रह पाएंगे। बड़ी समझाइश के बाद शबाना व उसके परिजन सैंपल देने के लिए सहमत हुए। इसके बाद उसी क्षेत्र के गरीब नवाज मस्जिद के पास लगे सैंपलिंग सेंटर पर शबाना का सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजा गया जिसमे शबाना के सैंपल की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जाने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जोधपुर की रेपिड रेस्पोंस टीम मौके पर पहुंच कर शबाना व उसके परिजनों को क्वारेंटीन सेंटर ले जाया गया। आशा रीटा की इस समझदारी के चलते समय पर शबाना की जांच करवाने से संक्रमण को फैलने से पूर्व नियंत्रित करने में सफलता मिली और शबाना के करीब 23 सदस्य कोरोना संक्रमण से सुरक्षित बच पाए। अब शबाना कोरोना को मात देकर स्वस्थ अवस्था मे क्वारेंटीन अवधि पूर्ण कर घर पहुंच चुकी है। इसके बाद शबाना व उसके परिजन आशा रीटा की तारीफ करते हुए धन्यवाद दे रहे है कि उनकी जिद्द और जुनून से वे सभी सुरक्षित है। कलाल कॉलोनी यूपीएचसी चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ. तरुण परमार ने बताया कि वार्ड नम्बर 52 में अब तक 250 से अधिक लोगो की सैंपलिंग हुई है इसमें आशा रीटा की अहम भूमिका रही। डॉ. परमार ने बताया कि रीटा की इस उपलब्धि के पर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जा चुका है।