ढाई साल के अतिफ ने रखा पहला रोजा

बड़े भाई असद ने पूरे 30 रोजे रखे और कोरोना महामारी से महफूज रखने की दुआ मांगी

जोधपुर। रहमतों और मगफिरतों के रमजान महिना अलविदा कहने को हैं। इस रमजान में ढाई साल के अतिफ ने अपना पहला रोजा रखा और अतिफ के  बड़े भाई 7 वर्षीय असद ने पूरे 30 रोजे रखे। पिता शमशेर खान ने बताया कि बड़ों को रोजा रखते देख बच्चों में भी रोजा रखने की कुव्वत पैदा हुई। इसलिये ढाई साल के अतिफ ने अपना पहला रोजा इतनी कम उम्र में रखा। 7 वर्षीय असद ने भी इस रमजान पूरे 30 दिन रोजा रखकर अल्लाह की इबादत की। कहते है कि खुदा बच्चों की बहुत जल्दी सुनता हैं और उनकी हर दुआ कबूल फरमाता हैं। इन दोनों ने बच्चों ने घर पर ही इबादत की और रहमतों और मगफिरतों के इस पाक महीने की इबादतों के सदके में कोरोना महामारी जैसी वबा से पूरी दुनिया को महफूज़ रखने व देश में अमनो-चैन व आपसी सौहार्द भाईचारगी कायम रखने की दुआ मांगी। वहीं रमजान के पाक महिने में बुजुर्ग, युवा, महिलाएं और बच्चे भी दिन-रात घरों में इबादत करके अपने रब को मनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। बड़ों के साथ साथ बच्चों ने भी घरों में ही नमाज अदा की। इसके साथ सभी से इस ईद को सादगी से मनाने व जरूरतमंदों की मदद करने की अपील की।

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