जिला प्रशासन ने गांव-ढाणी तक फैलाई जन चेतना

  • घर लौटे प्रवासियों ने निभाई जीवन रक्षा की जिम्मेदारी, पेश की होम क्वारैंटाइन की मिसाल

सेवा भारती समाचार 

जोधपुर। कोविड-19 के संक्रमण को सीमित करने में जिला प्रशासन का सबसे कारगर कदम रहा है होम क्वारैंटाइन। जोधपुर जिला प्रशासन ने होम क्वारैंटाइन व्यवस्था को बेहतरीन ढंग से संचालित कर एक उदाहरण पेश किया है। जिले में देश के कई हिस्सों से प्रवासी एवं श्रमिक निरंतर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री की पहल पर अपने गांव पहुंचकर ये सभी लोग खुश है। गांवों में पहुंचे करीब 30 हजार 219 व्यक्तियों ने खुद को होम क्वारेंंटीन कर स्वयं की सुरक्षा और दूसरों के जीवन की रक्षा के दायित्व को बखूबी निभाया है जो सजगता और सतर्कता गांवों में पहुंचे इन लोगों ने दिखाई है, वह काबिले तारीफ है। उदाणियों की ढाणी फलोदी निवासी विकास विश्नोई गत 17 मई को बैंगलुरू से अपने गांव लौटे थे, तब से उन्होंने खुद को होम क्वारैंटाइन कर रखा है। गांव में संस्थागत क्वारैंटाइन की व्यवस्था होने के बावजूद विकास ने होम क्वारैंटाइन को प्राथमिकता दी और इसके लिए अपने घर से 30 फुट की दूरी पर पेड़ के नीचे कच्चा छपरा बनाया। वे उसमें अपने आप को क्वारंटाइन कर रहे हैं। इस छपरे में न केवल दैनिक जरूरतों का सामान है, बल्कि हैल्थ प्रोटोकॉल के लिए साबुन, सेनेटाइजर आदि भी रखे गए हैं। साथ ही विकास हमेशा मास्क लगाकर रहते हैं। घर के सदस्यों से उचित दूरी बनाकर भोजन आदि लेते हैं ताकि परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमण का खतरा नहीं हो। उनकी इस जागरूकता से न केवल बाहर से आने वाले अन्य लोग प्रेरित हुए हैं, बल्कि पूरा गांव इस पहल के लिए उनकी प्रशंसा कर रहा है। परिवार और गांव को सुरक्षित रखने का उनका यह प्रयास निष्चित ही कोरोना की जंग लडऩे में एक कारगर कदम है।फलोदी के सावरीज निवासी श्रवण ने होम क्वारेंटीन के दौरान अपने हुनर का उपयोग कर संकट की इस घड़ी में रचनात्मक दिशा में आगे बढऩे की मिसाल पेश की है। वे क्वारेंटाइन में रहते हुए अपने समय का सदुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने अपने कौशल के माध्यम से कृषि कार्य में काम आने वाले लकड़ी के उपकरण बनाए हैं। श्रवण गत 17 मई को पूना से लौटे थे। उन्होंने गाय के लिए बनाए गए छपरे की साफ-सफाई कर उसे क्वारैंटाइन के लिए उपयोग किया, ताकि परिवार को संक्रमण का कोई खतरा नहीं हो। छपरे में दिन प्रतिदिन की आवश्यक सामग्री रखने के साथ ही सेनेटाइजर भी रखा हुआ है। वे होम क्वारेंंटाइन के सभी नियमों का पालन कर कोरोना संक्रमण की रोकथाम में अपनी भागीदारी निभाकर खुश है। ये कुछ उदाहरण हैं जो ग्रामीण अंचल में कोरोना को लेकर लोगों में पैदा हुई जागरूकता, सजगता और उनकी सतर्कता से रूबरू करते हैं। ऐसे ढेरों उदाहरण जोधपुर जिले में मौजूद हैं, जो बताते हैं कि जिला प्रशासन ने गांव-ढाणी तक कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए व्यापक जनचेतना फैलाई है। यही जनचेतना इस आपदा से पार पाने में मजबूत कदम साबित होगी।

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