पुलिस को नहीं आईपीसी 188 के तहत मुकदमा दर्ज करने का अधिकार
क्राइम रिपोर्टर एस.कुमार जोधपुर।
जोधपुर। लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों के लिए भोजन का इंतजाम करने के लिए प्रशासन को सूचित किया तो प्रशासन ने सूचना देने वाले नागरिक के खिलाफ ही आपराधिक मुकदमा दर्ज करवा दिया। प्रशासन का कहना है कि, उक्त नागरिक ने झूठी सूचना देकर प्रशासन का अनावश्यक समय व्यर्थ किया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मुकदमे पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए याचिकाकर्ता के खिलाफ फिलहाल कार्रवाई पर रोक लगाने तथा पुलिस और मुकदमा दर्ज करवाने वाले कार्मिकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता के वकील रजाक के. हैदर ने बताया कि अलवर जिले के भुनगड़ा अहीर गांव के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता शशि कांत शर्मा ने लॉकडाउन के दौरान 26 मार्च को मुण्डावर के उपखण्ड अधिकारी और विकास अधिकारी को ईमेल के जरिए अपने गांव में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों की सूची भेजते हुए उनके भोजन और अन्य जरूरत की वस्तुओं का इंतजाम करने का अनुरोध किया था। प्रशासन ने गांव के हल्का पटवारी अजीत कुमार को इसकी जांच सौंपी। जांच के बाद ग्राम पंचायत भुनगड़ा अहीर के ग्राम विकास अधिकारी हाल प्रशासक हर्ष शर्मा ने शाहजहांपुरा पुलिस थाने में आपराधिक मुकदमा दर्ज करवाते हुए कहा कि, जांच में सूचना झूठी पाई गई। शशिकांत शर्मा ने झूठी सूचना देकर प्रशासन का अनावश्यक समय व्यर्थ किया है। पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 52 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया।