कोरोना संकट में प्रभावी साबित हुई “कल्टीवेटर” की आयुर्वेदिक दवा
- सेवा भारती समाचार
जोधपुर | वैश्विक स्तर पर महामारी का रूप धारण कर चुके कोरोना संक्रमण में जोधपुर में निर्मित आयुर्वेदिक दवायें बेहद प्रभावी साबित हुई हैं। कई विशेषज्ञो ने इन आयुर्वेदिक दवाओं को कोरोना पर विजयश्री दिलाने वाली औषधि बताया है। यह बात कल्टीवेटर नेचुरल प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के चेयरमैन नारायण दास प्रजापति ने उपस्थित व्यक्तियों को सम्भोधित करते हुए व्यक्त की।
नारायण दास प्रजापति ने जानकारी देते हुए बताया कि कल्टीवेटर नेचुरल प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड , पिछले 30 वर्षों से आयुर्वेद में कार्य करने वाली विश्व स्तरीय कंपनी है। कंपनी में विश्व कल्याण हेतु आयुर्वेद पर निरन्तर शोध कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कोरोना संकट के इस दौर में केवल भारत के पास ही आयुर्वेद के रूप में सस्टेनेबल वैकल्पिक मेडिसिन सॉल्यूशन है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर संक्रमण से बचा जा सकता है। हमारे आयुर्वेद में बहुत सी ऐसी दिव्य औषधियां हैं जो हजारों वर्षों से कई तरह की बीमारी में अचूक असर कर रही है। परंतु हमारे देश में लोग आधुनिक चिकित्सा पद्घति के सामने सामान्यत: आयुर्वेद को वरीयता नहीं देते हैं। लेकिन कल्टीवेटर कंपनी आयुर्वेद को पूरे विश्व मे बढ़ावा देने को कृतसंकल्पित है।
उन्होंने बताया की कंपनी विगत 30 वर्षों से जड़ी-बूटियों की जैविक खेती कर सारा उत्पाद निर्यात करती हैं। साथ ही कंपनी करीब 1000 किसानों को भी अपने साथ जोड़कर जैविक खेती के संवर्धन पर कार्य कर रही हैं। विगत 15 वर्षों से कंपनी ने विश्व स्तरीय आयुर्वेदिक एवं हर्बल प्रोडक्ट बनाकर उन्हें सम्पूर्ण विश्व मे स्वीकार्य बनाने का कार्य किया है।
आपकी जानकारी के लिए, हम 100% निर्यात कंपनी है अर्थात हमारे सारे उत्पाद निर्यात ही होते हैं। जापान, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्राज़ील, इंग्लैंड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया आदि पूरे विश्व में हमारे हर्बल एवं आयुर्वेदिक प्रोडक्ट निर्यात होकर अपनी विशिष्ट पहचान बना रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जब कोरोना की शुरुआत चीन से हुई थी और इसकी थोड़ी थोड़ी खबरें मीडिया में आने लगी थी, हमने तभी कोरोना से बचाव के लिए औषधि निर्माण की शुरुआत करने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों का एक समूह बना लिया। इस समूह ने हमारी कंपनी में स्थित अति आधुनिक लैबोरेटरी में दवाओं पर शोध और उनका निर्माण करना सुनिश्चित किया। समूह द्वारा की गई शोध के परिणामतः तीन औषधियों का निर्माण किया गया।
चूंकि हमारी कंपनी का मुख्यालय राजस्थान के जोधपुर शहर में है अतः सर्वप्रथम औषधियों का नि:शुल्क वितरण दिनांक 16.04.2020 जोधपुर में ही शुरू करवाया गया। इस हेतु कोरोना योद्धाओं में इम्युनिटी बढ़ाने की रणनीति बनाई गई। इस हेतु जोधपुर के पुलिस विभाग से संपर्क करके पुलिस अधिकारियों, जवानों, होमगार्ड व पुलिस मित्रों को हमारी कोरोना संक्रमण से लड़ने वाली दिव्य आयुर्वेदिक औषधियों का नि:शुल्क वितरण किया गया। साथ ही राजस्थान के पाली व जालोर जिले के पुलिस अधिकारियो और जवानों को भी इन औषधियों का नि:शुल्क वितरण किया गया।
इसके साथ-साथ विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को भी औषधि वितरण की गयी। भारतीय प्रोधोगिकी संस्थान (IIT) (जोधपुर), भारतीय दूर संचार निगम लिमिटेड (BSNL) (जोधपुर), शुष्क वन अनुशंधान संस्थान (AFRI) (जोधपुर), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) (जोधपुर), सीमा सुरक्षा बल (BSF) जोधपुर व गांधीनगर, महात्मा गाँधी अस्पताल (जोधपुर), इनकम टैक्स विभाग (जोधपुर), केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (GST & CUSTOM) (जोधपुर), राजस्थान विधानसभा सचिवालय अधिकारी परिषद् (जयपुर), भू जल विभाग (जोधपुर), तहसील कार्यालय (लूणी), उपखण्ड कार्यालय (लूणी), जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL), कृषि उपज मंडी समिति (अनाज) भगत की कोठी (जोधपुर), कृषि विपणन विभाग (जोधपुर), राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि उपज मंडी (अनाज) जोधपुर, कृषि उपज मंडी समिति (पीपाड़ सिटी), कृषि उपज मंडी समिति (बिलाड़ा), कृषि उपज मंडी समिति (फलौदी), सावित्री बाई फुले कृषि उपज मंडी समिति (फल एवम सब्जी) जोधपुर, बैंक ऑफ़ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया, एयू बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, विभिन्न गैस एजेंसीज, आदर्श विद्या मंदिर के साथ विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं को भी हमारी कंपनी में बनाई गई यह विशेष आयुर्वेदिक दवाएं/टेबलेट्स निःशुल्क वितरित की गई। विभिन्न सामाजिक व स्वयंसेवी संगठनों जैसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय प्रजापति कुंभकार महासंघ, जैन संस्कार मंच, जैन जीव दया समिति, सेवन डेज सर्विस सोसाइटी, सन टू ह्यूमन, श्री अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक मंच, वेलकम जोधपुर कल्चरल डेवलपमेंट सोसाइटी जोधपुर, हिन्दू सेवा मंडल जोधपुर, कुम्हार प्रजापति युवा मंच संस्थान जोधपुर, राजस्थान अन्य पिछड़ा वर्ग (मूल) कल्याण संस्थान जोधपुर व स्थानीय संगठनों के माध्यम से पूरे शहर में औषधि वितरण का कार्य किया जा रहा है। शहर में 10 वितरण केंद्र बनाए गए हैं और सभी को यह दवा निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। कंपनी द्वारा दी जा रही दवाओं में प्रत्येक व्यक्ति को तीन प्रकार के पैकेट दिए जाते हैं। प्रत्येक पैकेट में 30 टेबलेट होती है इस प्रकार हर व्यक्ति को 90 टेबलेट्स का किट दिया जाता है उसमें 7 दिन की टेबलेट्स होती है। आज दिनांक तक कंपनी लगभग 67000 किट्स (सढ़सठ हज़ार किट्स) निःशुल्क वितरित कर दिए हैं। एक किट में तीन प्रकार की 90 टेबलेट्स होती है, इस प्रकार कुल 60,30,000 (साठ लाख तीस हज़ार) टेबलेट्स से ज्यादा का निर्माण व वितरण हो चुका है। अब इस प्रक्रिया व दवा वितरण के परिणाम भी सकारात्मक एवं उत्साहवर्धक रूप में मिल रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए कंपनी ने आज तक जितनी भी औषधि का वितरण किया गया है, उन सभी व्यक्तियों/संस्थाओं का नाम व मोबाइल नंबर हमारे पास रिकॉर्ड के लिए रखा गया है। इन रिकॉर्ड का निरंतर अध्ययन व फीडबैक कंपनी के अनुभवी स्टाफ द्वारा लिया जा रहा है। हमारी कंपनी बहुत बड़ी नहीं है परंतु हम ने निर्णय लिया है कि हम और 50,00,000 (पचास लाख) टेबलेट्स का निर्माण व नि:शुल्क वितरण करेंगे। इस समय हम प्रतिदिन 1,50,000 (एक लाख पचास हज़ार) टेबलेट्स का निर्माण कर रहे हैं । ज्ञातव्य हो कि हमारी कंपनी के निर्मित हर्बल प्रोडक्ट एवं आयुर्वेदिक औषधियों का कंपनी लॉक डाउन के समय की विषम परिस्थितियों में बाहरी देशों को एयर कार्गो के माध्यम से निर्यात किया हैं। जहां विश्व के समस्त विकसित देश इस कोरोना महामारी के सामने असहाय दिख रहे हैं वही हमारे महान देश भारत की हजारों वर्षों से चली आ रही आयुर्वेद पद्धति से हमारे द्वारा कोरोना पर विजय सुनिश्चित है। वह भी बिना किसी साइड इफेक्ट के। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को विजय प्राप्त करने के लिए भारत का प्राचीनतम जीवन विज्ञान आयुर्वेद पूर्ण रूप से सक्षम है। आवश्यकता है इस विज्ञान को आधुनिक परिवेश में ढ़ालने की।
प्रबंध निदेशक तरुण प्रजापति ने बताया कि कल्टीवेटर कम्पनी ने अपने 30 सालों के अनुभव के आधार पर तीन प्रकार की गोलियों का निर्माण किया । ये गोलियां है “ब्रिथायु” ,”इम्मयूइंक्रिज” व “त्रिफला” । इन दवाइयों को पिछले लगभग दो महीने से निःशुल्क वितरण चल रहा है। इसके लिए गिलोय, अदरक, आंवला, तुलसी , हल्दी, मुलैठी, अश्वगंधा, शतावरी, वासा, पिप्पली सहित कई जड़ी-बूटियों के मिश्रण से टेबलेट्स बनाई गई है। कोरोना के मरीजों को सुबह और शाम दो दो गोलियां का सेवन करने का कहा गया है।
ऐसे चुनीं जड़ी-बूटियां: प्रजापति ने बताया कि आयुर्वेद में श्वसन संस्थान की बीमारियों के लिए कई जड़ी बूटियां बताई गई हैं। टेबलेट्स बनाने के लिए ऐसी कई जड़ी बूटियों को उनके गुण दोष के आधार पर चुना गया । इसके अलावा आयुर्वेद में कहा गया है कि ज्यादातर बीमारियां पेट के कारण होती है। इस कारण पेट की बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली जड़ी-बूटियां भी इसमें मिलाई गईं। इन जड़ी बूटियों को मिलते समय इनके एक्टिव इंग्रेडिएंट्स के स्तर को भी उच्चतम स्तर का रखा गया है । जिससे काम मात्रा की दवाई भी अपनी पूरी पोटेंसी के साथ कार्य करे । दवाई के डिसइंटीग्रेशन, डिज़ोलुशन को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य किया गया है ताकि उसका प्रभाव शरीर में जाते ही तुरंत चालू हो जाये। सभी दवाइयों के निर्माण में अंतराष्ट्रीय मापदंडो का पूर्ण रूप से पालन किया गया है। इसके साथ लोगों को इस गर्मी के मौसम में सिर्फ आसानी से पचने वाला भोजन और पीने के लिए गर्म पानी पीने की अनुशंसा कंपनी द्वारा की गई है।
निरन्तर हो रही स्टडी: कल्टीवेटर कंपनी के निदेशक तरुण प्रजापति ने बताया कि आयुर्वेद से कोरोना के इलाज के लिए निरन्तर स्टडी की जा रही है व आयुर्वेद के अन्य औषधियों पर भी काम लगातार किया जा है ताकि भविष्य में इनका उपयोग जीव मात्र को स्वस्थ्य रखने में किया जा सके। डॉ. इन्दीवर भारद्वाज ने बताया कि कोरोना पर विजय पाने के लिए आयुर्वेद पूर्णतः सक्षम है। आवश्यकता है असली व गुणवत्ता वाली जड़ी बूटियों का प्रयोग व आयुर्वेद में निर्देशित निर्माण प्रक्रिया को ईमानदारी से अपनाया जाये। साथ ही हर औषधि निर्माण से पूर्व प्रयुक्त जड़ी बूटियों की गुणवत्ता की पूरी जांच व निर्माण के बाद तैयार औषधि की भी जांच आधुनिक प्रयोगशाला में हो। आयुर्वेद औषधियां न केवल व्यक्ति को रोग से मुक्त रखती है साथ ही यदि शरीर में कोई रोग या विकृति आ जाए तो उससे भी मुक्ति दिलाती है। औषधि के साथ-साथ पथ्य-अपथ्य व अनुपान का भी विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। आजकल विपरीत प्रकृति वाले आहार साथ-साथ लेने से भी रोगों का आक्रमण बढ़ गया है। आयुर्वेद पूर्ण स्वास्थय का विज्ञान है जिसे पुरे विश्व में प्रचारित व प्रसारित करना हर भारतीय का दायित्व है।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के प्रोफेसर डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि कोरोना के बचाव व कोरोना संक्रम के बाद भी उपचार हेतु आयुर्वेद सक्षम है। मानव शरीर का श्वसन संस्थान यदि स्वस्थ्य है तो वायरस का संक्रमण कम होगा। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बलिष्ट होती है तो वायरस का आक्रमण नहीं हो पायेगा। साथ ही पाचन संस्थान सुचारु रूप से कार्य करेगा तो शरीर में मल का जमाव नहीं होगा। इस प्रकार श्वसन संस्थान मजबूत हो, रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो व पाचन संस्थान सुचारु रूप से कार्य करे अतः “कल्टीवेटर” द्वारा तीनों प्रकार के औषधियों का निर्माण किया गया। ये औषधियां रसायन व वयःस्थापन के गुणों से भरपूर है।
हमको यह भी ज्ञात हुआ है की इन दवाइयों से श्वसन संस्थान, उदर रोग व रक्त विकार के रोगी भी ठीक हो रहे हैं| इस प्रकार इन तीन प्रकार की औषधियों का योग कोरोना के संक्रमण से तो बचाता है साथ ही कई अन्य रोगों से भी मुक्ति सदा के लिए दिला रहा है। दवाओं के विभिन्न आयु वर्गों विशेषकर वृद्धावस्था में मिल रहे सकारात्मक परिणामों को भी रिकार्ड में लिया जा रहा है तथा अध्यन किया जा रहा है। इस अवसर पर कंपनी के कैटेलॉग का विमोचन भी किया गया। समारोह के अंत में प्रबंधक संजीव प्रजापति ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।