जल्द शुरू होगा जोधपुर लिफ्ट कैनल का काम
- केंद्रीय जलशक्ति मंत्री के प्रयासों से प्रोजेक्ट को शीघ्र मिलेगी हरी झंडी
जोधपुर। स्थानीय सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विश्वास दिलाया कि जोधपुर लिफ्ट कैनल के तीसरे चरण का काम जल्द शुरू होगा और शहर को पेयजल समस्या से निजात मिलेगी। जोधपुर प्रवास के दौरान स्थानीय सर्किट हाउस में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में शेखावत ने कहा कि जोधपुर लिफ्ट कैनल का तीसरा चरण लंबे समय से प्रतीक्षित था। जोधपुर रोज दबाव झेल रहा है। पानी की कमी के कारण से आपूर्ति में बाधा होती है। गांव और शहर, दोनों जगहों पर संतुलन बनाना मुश्किल हो रहा है। तीसरा चरण बनाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 1500 करोड़ के लगभग का प्रस्ताव भेजा था। हमने तुरंत उसे स्वीकृति प्रदान कर दी थी। मैंने वित्त से भी उसे भिजवाया था, लेकिन अर्बन अफेयर्स मंत्रालय ने उस पर ऑब्जर्वेशन लगाकर भेजी थी। अधिकारियों ने मुझे अवगत कराया तो मैंने अभी केंद्रीय नगरीय विकास मंत्री हरदीप पुरी से फोन पर बातचीत की। उनसे अनुरोध किया कि आज ही जोधपुर के इस प्रोजेक्ट को अनुमति प्रदान करके वित्त में भेज दें, ताकि 2-3 दिन में स्वीकृति हो सके और हम जल्दी इस पर काम कर सकें। शेखावत ने कहा कि थोड़ा समय लगेगा, लेकिन लिफ्ट कैनाल का तीसरा चरण बनेगा। केंद्रीय मंत्री शेखावत ने बताया कि बार-बार आग्रह करने के बाद अब राज्य सरकार ने 32 करोड़ रुपए लगाकर लिफ्ट कैनाल का कपैसिटी एन्हैन्स्मन्ट का एक प्रोजेक्ट अप्रूव करके उसे अमेन्ड किया है, ताकि वर्तमान में जो कैनाल की कैरिंग कपैसिटी है, वो बढ़ सके। शेखावत ने जलदय विभाग के अधिकारियों से भी बातचीत की और कहा कि जनता जल योजना के जितने ट्यूवेल्स खराब हैं, उन्हें शीघ्र चालू किया जाए। उन्होंने पेयजल से जुड़े जोधपुर डिवीजन और जिले के अधिकारियों से चर्चा की कि कैसे जल जीवन मिशन गति पकड़ सकता है।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि छात्रों की स्वदेश वापसी पर हमने काम शुरू किया है। कजाकिस्तान और ताजिकिस्तान से एक-एक फ्लाइट पहले आई है। मैंने विदेश मंत्री से आज ही बातचीत की है। पहले 15 तारीख की कुछ फ्लाइट्स शेड्यूल थीं। दरअसल, दोनों सरकारों के बीच एनओसी होती है। उसी के बाद ऑपरेशन हो सकता है। दो-तीन दिन की देरी होगी, लेकिन 19-20 तारीख तक कुछ फ्लाइट्स लगाकर प्रयास करेंगे कि सारे बच्चे घर पहुंच सकें।