बिना अनुमति निर्माण करवाने पर 83 बिल्डिंगों को नोटिस
- नगर निगम ने सात दिन में मांगा जवाब
सेवा भारती समाचार
जोधपुर। कोरोना संक्रमण काल के दौरान नगर निगम की बिना अनुमति के व्यवसायिक भवन निर्माण करने वालों के खिलाफ नगर निगम सख्त कार्रवाई करेगा। नगर निगम ने शहर की 83 बिल्डिंगों को नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। निगम आयुक्त सुरेश कुमार ओला ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण चल रहे लॉकडाउन के दौरान शहर में कई भूखंड मालिकों ने नगर निगम की बिना अनुमति के व्यवसायिक निर्माण कार्य करवा लिए हैं। निगम की ओर से शहर भर में इस तरह की बिल्डिंग का सर्वे करवाया गया। निगम आयु सुरेश कुमार ओला ने कि सर्वे के बाद नगर निगम की अनुमति के बिना व्यवसायीक निर्माण करने वाले 83 भूखंड मालिकों को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। आयुक्त ओला ने बताया कि यदि 7 दिन के भीतर यह भूखंड मालिक निगम में अपना जवाब प्रस्तुत नहीं करेंगे तो बिल्डिंग को सीज करने की कार्रवाई की जाएगी, वहीं यदि पूर्व में सीज बिल्डिंग में निर्माण कार्य करवाया गया है तो उसे ध्वस्त करने की भी कार्रवाई की जाएगी। भवन निर्माण के 23 प्रकरण स्वीकृत: राज्य सरकार के निर्देश पर नगर निगम में भवन निर्माण समिति की बैठक आयोजित की गई जिसमें 23 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। निगम सुरेश कुमार ओला ने बताया कि शहर के अलग-अलग क्षेत्रों के भवन निर्माण अनुमति के संबंध में विचाराधीन प्रकरणों को बैठक में रखा गया। इनमें से समस्त औपचारिकताओं को पूरा करने वाले 23 प्रकरणों में भवन निर्माण की अनुमति जारी की गई है। इससे नगर निगम को करीब 3 करोड रुपए की आय होगी। वहीं बैठक के दौरान तीन सब डिवीजन के प्रकरणों को रखा गया जिन्हें राज्य सरकार को प्रेषित करने का निर्णय लिया गया। 50 जर्जर बिल्डिंग मालिकों को भी नोटिस किए जारी: निगम सुरेश कुमार ओला ने बताया कि जल्द ही मानसून दस्तक देने वाला है। मानसून के दौरान जर्जर इमारतों के गिरने का अंदेशा बना रहता है। शहर की ऐसी इमारतों का सर्वे कार्य निगम की ओर से करवाया गया। निगम आयुक्त ओला बताया कि 50 भवन मालिकों को नोटिस जारी कर जर्जर इमारतों को अपने स्तर पर ध्वस्त करवाने या रिपेयरिंग करवाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि जो भवन मालिक अपने स्तर पर जर्जर इमारतों को गिराने या रिपेयरिंग का कार्य नहीं करवाएगा उन इमारतों को निगम अपने स्तर पर ध्वस्त करवाएगा जिसका समस्त खर्च एवं जुर्माना राशि भवन मालिक से वसूल किया जाएगा।