पशुधन की रक्षा करना परमात्मा की रक्षा से बढक़र

सेवा भारती समाचार

जोधपुर। खूंखार जंगली शेर आदि के शिकार पर सरकार दंड देती है तो फिर पालतू पशुओं पर खंजर खिलाने की इजाजत कैसे। उक्त विचार संत कमलमुनि कमलेश ने राज्य सभा सांसद राजेंद्र जी गहलोत से चर्चा के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि संविधान में प्रत्येक प्राणी को जीने का अधिकार है। प्राणियों का कत्ल करना संविधान के कत्ल के समान है। उन्होंने कहा कि पशुधन का कोई विकल्प नहीं है। विज्ञान ने भी सिद्ध कर दिया है कि जहां पशुओं का कत्ल होता है वहां उनकी क्रूरता से निकलने वाली तरंगों से भूकंप, अतिवृष्टि, अनावृष्टि, कोरोनावायरस जैसी महामारी को खुला निमंत्रण देने के समान है। जैन संत ने कहा कि पशुधन की रक्षा करना परमात्मा की रक्षा से बढक़र है। इन पर अनुसंधान होना चाहिए। रिसर्च सेंटर स्थापित हो तो वृद्ध पशु भी दो जनों का पेट भर सकता है इतनी क्षमता उसमें है। मुनि कमलेश की मार्मिक प्रेरणा से प्रभावित होकर सांसद सदस्य राजेंद्र गहलोत ने जोधपुर परिसर में 51 बीघा जमीन में एक गो रिसर्च सेंटर स्थापित करने का संकल्प लिया। उनके साथ पधारे प्रसन्नचंद मेहता, देवराज बोहरा, कानराज मोहनोत ने चातुर्मास समाप्ति तक कार्य को पूर्ण करने का आश्वासन दिया। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के सुकन राज धारीवाल, सुरेश पारक, गुणवंत राज मेहता, सुनील चोपड़ा, विमल चंद कोठारी, अशोक गोलेछा, मुन्नालाल मोहनोत सभी ने अतिथियों का स्वागत किया।

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