संतुलित और सात्विक आहार औषधि के समान

सेवा भारती समाचार

जोधपुर। सही समय को छोडक़र किया गया अमृत जैसा भोजन भी जहर का काम करता है। अनियंत्रित भोजन बीमारियों को खुला निमंत्रण देता ह। उक्त विचार संत कमलमुनि कमलेश ने महावीर भवन नेहरू पार्क कोरोना मुक्ति आध्यात्मिक प्रशिक्षण केंद्र में कहे। उन्होंने कहा कि संतुलित और सात्विक आहार अपने आप में औषधि का काम करता है। तामसिक आहार रोगों की जननी है सात्विक आहार में रोगों से लडऩे की क्षमता विद्यमान है। कोरोनावायरस हटाना है तो सात्विक भोजन अपनाना ही पड़ेगा। सात्विक भोजन अमृत है तामसिक भोजन जहर है। मुनि कमलेश ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने स्पष्ट घोषणा है कि शाकाहार भोजन करने वालों मे प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती है। स्वाद के वशीभूत किया गया भोजन स्वास्थ्य को बर्बाद करता है और स्वास्थ्य के लिए किए गए भोजन रोगों से मुक्ति और साधना में सहयोगी होती है। संत ने स्पष्ट बताया कि सात्विक के बिना विचारों का परिवर्तन भी संभव नहीं है। भूख से कम खाना सर्वोत्तम औषधि है। मीडिया प्रभारी राकेश गोदावत ने बताया कि अक्षत मुनि ने मंगलाचरण किया।

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