महापुरुष संपूर्ण मानवता की अनमोल धरोहर: संत कमल

सेवा भारती समाचार

जोधपुर। महापुरुष किसी की बपौती नहीं होती, कोई उन्हें पैसे से नहीं खरीद सकता। उन पर एकाधिकार जताना अज्ञानता दर्शाता है। वह संपूर्ण मानवता की अनमोल धरोहर है। उक्त विचार संत कमल कमलेश ने महावीर भवन निमाज की हवेली में दीक्षा दानेश्वरी जैन आचार्य गुणर प्रतिशत सूरीश्वर के देवलोक गमन पर श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि महापुरुषों का अपमान करना सूर्य पर धूल फेंकने के समान है, उसी का नुकसान है वह धूल उसी पर ही आती है। संत ने स्पष्ट कहा कि राम और रहीम के नाम पर लडऩे वाले उनके कट्टर शत्रु हैं इनके नाम पर एक कतरा खून बहना भी कलंक और शर्मनाक है। धर्म और महापुरुषों के नाम पर संसार में निर्दोष का ही खून बहा है। जैन संत ने कहा कि सभी महापुरुषों ने प्रेम और सद्भाव को धर्म का प्रवेश द्वार बताया है। महापुरुषों के नाम पर कट्टरता अलगाव नफरत और फिरका परस्ती अपनाना अपने हाथों उनके सिद्धांतों को दफनाने के समान है।

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