अस्थायी टीबी चिकित्सकों की सेवा समाप्ति के आदेशों पर रोक
सेवा भारती समाचार
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने अस्थायी टीबी चिकित्सकों की सेवा समाप्ति के आदेशों पर रोक लगाई है। साथ ही चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, निदेशक (जनस्वास्थ्य), जि़ला कलेक्टर जोधपुर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जोधपुर सहित अन्य को से जवाब तलब किया है। इसमें अब अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी।
याचिकाकर्ता डॉ. छोटाराम भाकर और डॉ. भूपेंद्र ग्वाला की ओर से अधिवक्ता यशपाल खि़लेरी ने रिट याचिका पेश कर बताया कि डॉ. छोटाराम भाकर और डॉ. भूपेंद्र ग्वाला की नियुक्ति चिकित्सा अधिकारी पद पर राज्य सरकार ने नियमित चयन प्रक्रिया पूरी कर मेरिट अनुसार हुई थी। वे पिछले ढाई वर्ष से अपनी संतोषजनक सेवाएं चिकित्सा विभाग के अधीन दे रहे है और वर्तमान में कोरोनाकाल में गत 4 माह से बिना अवकाश के ड्यूटी कर रहे है। उनकी सेवा अवधि भी साल पूरा होने पर बढ़ाई गयी हैं। फिर भी राज्य सरकार ने एक वर्ष पूरे होने पर प्रावधान नहीं होना बताकर परिपत्र पारित किया जिसकी पालना में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जोधपुर ने याचिकर्ताओ की सेवा समाप्ति के आदेश पारित कर दिए जो सेवा न्यायशास्त्र के सिद्धांतों के विपरित हैं। पूर्व में भी हाइकोर्ट ने सेवारत चिकित्सको को नियमित चिकित्सक नियुक्त होने तक सेवा समाप्ति करने के आदेशों को अपास्त किया है। खि़लेरी ने पूर्व न्यायिक दृश्टान्त की और न्यायालय में ध्यान आकर्षित किया। साथ ही बताया कि अस्थायी सेवा के तीन वर्ष पूर्ण होने पर मेडिकल पीजी कोर्स में 30 अंक इंसेंटिव के मिलते है जिससे भी याचीगण वंचित हो जाएंगे।
याचिकाकर्ताओ के अधिवक्ता के तर्कों को सुनकर एबं पत्रावली का परिशीलन करने में पश्चात हाइकोर्ट के वरिष्ठ न्यायधीश डॉ पुष्पेंद्र सिंह भाटी ने राज्य सरकार के आदेश और सीएमएचओ जोधपुर के सेवा समाप्ति के आदेशों की क्रियान्विति पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार एवं अन्य से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है।