उपवास रखने से हमें अपनी इच्छाओं पर काबू पाने की सीख मिलती है 

सेवा भारती समाचार

जोधपुर । जैन दिवाकर समवशरण द्वारा कोरोना मुक्ति आध्यत्मिक शिक्षण केन्द्र के सानिध्य में केन्द्र सरकार की ओर से सम्मानित, सर्वधर्म सद्भाव, अहिंसा एवं एकता के प्रहरी राष्ट्रीय संत कमलमुनि कमलेश महाराज के प्रवचन समारोह में शहर खतीब व पेश इमाम काजी मोहम्मद तैयब अंसारी, मारवाड़ ग्रुप अध्यक्ष विशाल मेहता व समाजसेवी शिक्षक शौकत अली लोहिया का कौमी एकता, भाईचारगी व वर्तमान समय में फैली वैक्ष्विक माहमारी कोरोना में उत्कृष्ठ सेवाओं के लिये माला व शाॅल ओढ़ाकर स्वागत अभिनन्दन किया गया। प्रवक्ता शौकत अली लोहिया ने कहा कि राष्ट्रीय संत कमलमुनि कमलेश महाराज के प्रवचन समारोह में शहर खतीब व पेश इमाम काजी मोहम्मद तैयब अंसारी ने अपने उदबोधन में कहा कि ‘इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैहि राजिऊन’ वाक्यांश आसमानी किताब कुरआन मजीद की आयत का एक छोटा हिस्सा है और इसके मायने यह है कि ‘हम अल्लाह से है और अल्लाह के पास जाना है।’ हमें अल्लाह ने दुनिया में इंसान के रूप में भेजा है और हम उसकी अमानत है और हमें दुनिया में रहकर अच्छे कर्म करते हुए समाज की सेवा में अपनी भागीदारी निभानी है। वर्तमान समय में फैली वैक्ष्विक माहमारी कोरोना से हमें घबराना नहीं है, बल्कि राज्य सरकार व जिला प्रशासन के नियमों की पालना करनी है। राष्ट्रीय संत कमलमुनि कमलेश महाराज ने प्रवचन समारोह में श्री वर्द्धमान स्थानक वासी जैन श्रावक संघ जोधपुर के अध्यक्ष सुकनराम धारीवाल, महामंत्री सुनील चैपड़ा, सुरेश पारख, विमलचन्द कोठारी, अशोक गुलेच्छा, चम्पालाल बागरेचा, हुक्मीचन्द सांखला, नगेन्द्र संचेती, दीपचन्द टाटिया, महावीर बाफना, प्रसन्नमल पटवा, गौतम मेहनोत व पदाधिकारियों को प्रचवन में उपवास की महिमा के बारे में बताते हुए कहा कि उपवास रखने से हमें अपनी इच्छाओं पर काबू पाने की सीख मिलती है। उन्होंने कहा कि हमें मानव जीवन को बचाने के लिये अपने चारों ओर पेड़-पौधों को काटने से रोकना होगा, अगर पेड़-पौधें नहीं होगें तो हमारे चारों ओर का वातावरण प्रदुषित हो जायेगा और जीवन में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं को रोकना हमारे लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बन जायेगा। प्रवचन में राष्ट्रीय संत ने सभी पदाधिकारियों का भी माला और शाॅल से अभिनन्दन करते हुए कहा कि हमें इस संसार में रहकर अपनी आवश्यकताओं को पूरा करते हुए अपने आस-पास रहने वाले गरीब, बेसहारा, जरूरतमन्दों की सेवा करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिये। वर्तमान समय में जो हालात है, उसमें हमें एक निश्चित दूरी की पालना करते हुए आगे बढ़कर मानव कल्याण के साथ मुक प्राणियों की सेवा में भी अपनी हिस्सेदारी निभानी है। प्रवचन समारोह समाप्ति पर सभी श्रृद्धालुओं ने जनकल्याण के लिये हमेशा आगे आकर सेवा करने की प्रण लिया।

 

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