जोधपुर अंतराष्ट्रीय थियेटर फेस्टिवल
बदलते सामाजिक परिवेश में नाट्य लेखन के कथ्य और कसावट को होना होगा सम सामयिक
जोधपुर l राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर द्वारा आयोजित जोधपुर इंटरनेशनल थियेटर फेस्टिवल के तीसरे दिन रंगमंथन टॉक शो में बदलते सामाजिक परिवेश के नाट्य लेखन विषय पर संवाद अयोजित हुआ जिसमें राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री रमेश बोराणा, श्री बी एम व्यास, श्री आशीष पाठक एवं श्री राघवेंद्र रावत ने विशद चर्चा करते हुए कहा कि आधुनिक भारतीय रंगमंच को तेजी से बदलते समाजिक परिवेश एवं मूल्यों को परखते हुए नाट्य लेखन के कथ्य और प्रस्तुति में गति और कसावट लानी ही होगी l
श्री बी एम व्यास ने नाट्य लेखकों की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए दुष्यंत की मौत के किस्से से रूबरू करवाया। श्री अशीष पाठक ने अपने नाटक अगरबत्ती पर प्रकाश डालते हुए निर्देशक और लेखक के संबंध एवं राघवेंद्र रावत ने एक आलोचक के माध्यम से लेखकों की दृष्टि को बताया वहीं नाट्यविद श्री रमेश बोराणा ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि रंगमंच को बदलते युग के कलेवर व फ़्लेवर को समझते हुए लेखन करना होगा l वरिष्ठ कवि श्री आईदान सिंह भाटी ने काव्य एवं नाटक के अंतर संबंध पर चर्चा करते हुए कहा कि शब्दों के बिंब बनना नाट्य लेखन की महत्वपूर्ण शर्त है l
अकादमी अध्यक्ष श्रीमति बिनाका जेश ने अकादमी द्वारा प्रदेश के नए नाट्य लेखकों को अवसर देने हेतु आयोजित की प्रतियोगिता से प्राप्त नाटकों पर आगामी दिनों लेखक निर्देशक कार्यशाला आयोजित करने का विश्वास दिलाया l
रंग मंथन में प्रदेश भर से आये नाट्यक्रमियों ने चर्चा में हिस्सा लिया l