गांधी के लिए सत्य और अहिंसा एक ही मूल्य के दो पहलू – संभागीय आयुक्त

दो दिवसीय गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर का हुआ समापन

गांधी दर्शन राष्ट्र निर्माण की मजबूत नींव

जोधपुर। शांति एवं अहिंसा विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आज श्री राजाराम आश्रम शिकारपुरा में आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर का समापन कार्यक्रम आयोजित हुआ।

प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम में संभागीय आयुक्त श्री कैलाश चंद मीणा, शांति और अहिंसा विभाग के निदेशक श्री मनीष शर्मा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी  श्री अभिषेक सुराणा, जिला गांधी दर्शन प्रकोष्ठ के संयोजक श्री अजय त्रिवेदी, सह संयोजक श्री शिवकरण सैनी,एसडीएम लूणी श्री पुखराज कंसोटिया, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री गणपत लाल सुथार एवं प्रशिक्षणार्थियों की उपस्थिति में हुआ।

 श्री मीणा ने शिविर में आए प्रतिभागियों  को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता गांधी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्हें अपने जीवन में आत्मसात करना आज के समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के जीवन में सत्य और अहिंसा के प्रति सबसे अधिक आग्रह और निष्ठा के दर्शन होते है, कहने के लिए यह दो है लेकिन वास्तव में गांधी जी के लिए यह एक ही मूल्य के दो पहलू थे। जो व्यक्ति सत्य पर टिका है वह अनिवार्यता अहिंसक होगा यह उनका मूल विश्वास था साथ ही नशा न करने तथा नशा मुक्ति का अभियान चलाने का आग्रह भी किया।

गांधी जीवन दर्शन समिति से जुड़े पदाधिकारियों ने मंच पर अपने विचार रखते हुए कहा कि नए भारत के संस्थापक के रूप में गांधी ने हमें स्वतंत्रता पूर्व संर्घष की विरासत छोड़ी है जिसे हम सभी संजोए रखे हैं और अब भी विश्व भर में अनेकों लोगों के लिए विरासत प्रेरणा का काम करती है। गांधी जी का सत्य साध्वी जरूरतमंदों की देखभाल और अहिंसा पर उनका अटूट विश्वास था। गरीब और बेसहारा वर्ग के लिए काम करने की अदम्य इच्छा को फलीभूत करना ही गांधी का अंतिम लक्ष्य था । उन्होंने कहा कि गांधी दर्शन के बिना भारतीय समाज में नए भारत की बात अधूरी सी लगती है। नए भारत का निर्माण करने के लिए गांधी दर्शन एक मजबूत नीव की भांति है। उनके द्वारा उत्पन्न विचार जैसे सर्वोदय, सत्याग्रह, खादी ग्राम स्वराज महिला, शिक्षा, स्वावलंबन अन्य सामाजिक चेतना से मिलकर ही नए भारत का निर्माण हुआ है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को तो हमेशा गांधी दर्शन से प्रभावित रहना चाहिए।

रविवार को  हुए ये कार्यक्रम
रविवार को प्रातकाल प्रभात फेरी, योग एवं ध्यान सत्र, गांधीजी के जीवन दर्शन पर उद्बोधन, लीडरशिप लेसन फ्रॉम गांधी इज लाइफ, सत्य के साथ मेरे प्रयोग पुस्तक की समीक्षा, राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी, गांधी दर्शन के आध्यात्मिक एवं मानववादी आयाम विषयों पर वक्ताओं ने अपना उद्बोधन दिया तथा पारितोषिक वितरण, आभार उद्बोधन एवं राष्ट्रगान गायन के साथ दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ।

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