इस्कॉन मंदिर: ठाकुरजी के श्रीविग्रह को कराया नौका विहार, की गई पुष्पवर्षा, श्रद्धालुओं ने उठाया आनंद
जोधपुर। तनावड़ा स्थित अंतर्राट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन), जोधपुर श्री श्री राधा गोविन्द जी मंदिर में शुक्रवार 4 मई नृसिंह चतुर्दशी के उपलक्ष में भव्य राधा कृष्ण नौका विहार महोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम सायं 06:30 बजे से प्रारब्ध हुआ जिसमे कीर्तन व नृत्य के साथ भगवान् श्री श्री राधा गोविन्द जी को पालकी यात्रा द्वारा कुंड में नौका विहार के लिए लाया गया एवं ठाकुर जी के विग्रहों को मधुर कीर्तन के साथ नौका विहार कराया गया व 56 भोग भी चढ़ाए गए। संध्या आरती के बाद मंदिर अध्यक्ष श्रीमान सुंदरलाल प्रभुजी द्वारा नृसिंह कथा की गयी।
मंदिर के प्रांगण के कुंड में तीन से चार फुट तक पानी भरकर प्रतीकात्मक यमुना का स्वरूप दिया गया। प्रतीकात्मक यमुना में गुलाब, गेंदा, गुल्दावरी, चमेली, मोगरा, आर्किड आदि के फूलों की पंखुड़ियों सहित सुगंधित द्रव्य डाले गए। वहीं फूलों से सुज्जजित नौका रूपी कुंज महल में ठाकुरजी के श्रीविग्रहों को विराजमान कराया गया। इसके बाद कुंज महल को प्रतीकात्मक यमुना में नौका विहार करने को लाया गया।
इसी समय वैदिक मंत्रोच्चारण और शंख ध्वनि के बीच श्रीविग्रहों को नौका विहार कराया गया। भक्तों द्वारा फूलों की वर्षा भी की गयी । संपूर्ण मंदिर प्रांगण जय-जयकार से गूंज उठा। मंदिर परिसर में रंगोलियां भी बनाई गईं। शाम को ठाकुरजी के समक्ष छप्पन भोग भी निवेदित किए गए।
कथा में मंदिर अध्यक्ष श्रीमान सुंदरलाल प्रभुजी ने बता की यह नौका विहार उत्सव मुख्यतया गर्मी के मौसम में इस्कॉन के सभी मंदिरो में मनाया जाता है । प्राचीन ग्रंथो व लीलाओ में कहा जाता है कि इस दौरान गर्मी के मौसम में, राधा के साथ भगवान श्री कृष्ण और अन्य गोपिकाएं यमुना नदी में विशाल नावों में सवार होकर ठंडी हवा का आनंद लेते थे । और वे गीत गाते है और भगवान कृष्ण को सुख प्रदान करके आशीर्वाद प्राप्त करते थे ।यह त्यौहार मथुरा और हरिद्वार में एक भव्य तरीके से मनाया जाता है, इस दौरान महिलाएं सुन्दर वस्त्र पहनती हैं अनेको गीत व लीलाओ का गान करती है ।इसी उपलक्ष में भगवान के लिए स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए जाते हैं और भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए उन्हें चढ़ाया जाता है। ‘‘
आगे प्रभुजी ने बता की ‘‘इस तेजी से भागती दुनिया ने इंसानों को जीवित रोबोट में बदल दिया है और उनके परिवार पास अपने लिए समय नहीं है। अपनी आजीविका कमाने की लड़ाई में लोग अपने मन को शांति की उपेक्षा करते हैं और स्वयं के अधिक बांध जाते हैं।
केंद्रित इस नीरस जीवन को तोड़ने के लिए, इस्कॉन अनेको उत्सव व कक्षाओं का आयोजन करता है जिससे सभी लोग भगवद शिक्षा को ग्रहण करके अपने जीवन को सुख मई बना सकते है। कार्यक्रम के अंत में सभी पधारे भक्तों को प्रसादी वितरित की गयी।