श्रीराम के नेत्र-आहुति से नील कमल की पूर्ति

अकादमी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय नाट्य समारोह की पांचवी प्रस्तुति – राम की शक्ति पूजा

अकादमी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय नाट्य समारोह की पांचवी प्रस्तुति – राम की शक्ति पूजा

जोधपुर। जय नारायण व्यास टाउन हॉल में मंचित हुआ राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र,संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, प्रयागराज  के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित पांच दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य समारोह का पांचवा नाटक।   

जिसमें रूपवानी संस्थान वाराणसी का सूर्यकांत त्रिपाठी निराला लिखित और व्योमेश शुक्ल निर्देशित नाटक राम की शक्ति पूजा का मंचन किया गया । 

मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राज्य मंत्री कला मर्मज्ञ श्री रमेश बोराणा साहब ने नाटक के निर्देशक और प्रयागराज से आए मनोज शर्मा का स्वागत  शॉल,बुके से किया और अकादमी अध्यक्ष बिनाका जेश ने उन्हें मोमेंटो के भेंट किया। 

कथा सार

राम रावण युद्ध चल रहा है। युद्धरत राम निराश है और हार का अनुभव कर रहे हैं। उनकी सेना भी खिन्न है। प्रिया सीता की याद अवसाद को और घना बना रही है। वह बीते दिनों के पराक्रम और साहस के क्षण से उमंगित होना चाहते हैं लेकिन मनोबल ध्वस्त है। शक्ति भी रावण के साथ है। देवी स्वयं रावण की ओर से लड़ रही है-  राम ने उन्हें देख लिया है। वह मित्रों से कहते हैं कि विजय असंभव है और शोक में डूब जाते हैं। बुजुर्ग जामवंत उन्हें प्रेरित करते हैं, वह राम की आराधना-शक्ति का आह्वान करते हैं। उन्हें सलाह देते हैं कि तुम सिद्ध होकर युद्ध में उतरो। राम ऐसा ही करते हैं। उधर लक्ष्मण, हनुमान आदि के नेतृत्व में घनघोर संग्राम जारी है, उधर राम की साधना चल रही है। उन्होंने देवी को 108 नीलकमल अर्पित करते हैं करने का संकल्प लिया था, लेकिन देवी चुपके से आकर आखिरी पुष्प चुरा ले जाती हैं। राम विचलित और स्तम्भ है तभी उन्हें याद आता है कि उनकी आंखों को मां नीलकमल कहा करती थी। वह अपना नेत्र अर्पित कर डालने के लिए हाथों में तीर उठा लेते हैं। तभी देवी प्रकट होती हैं। वह राम को रोकती हैं उन्हें आशीष देती हैं उनकी अभ्यर्थना करती हैं और राम में अंतर्ध्यान हो जाती है।

मंच पर’ 

राम- स्वामी देवी, सीता एवं अंजना- नंदिनी, हनुमान- तापस, जामवंत- जय, लक्ष्मण- काजोल, सुग्रीव- अश्विनी, विभीषण- विशाल।

मंच परे

 संगीत निर्देशन- जेपी शर्मा,  मुख्य स्वर- आशीष मिश्रा, मंच व्यवस्था- टीएन विश्वकर्मा, सहायक- दीपक, मार्गदर्शन एवं वस्त्र परिकल्पना-  डॉक्टर शकुंतला शुक्ल, जितेंद्र मोहन। 

अकादमी अध्यक्ष श्रीमती बिनाका जेश ने बताया की इस माह से मासिक नाट्य मंचन योजना के अंतर्गत प्रतिमाह एक नाटक का मंचन अब से जोधपुर में  किया जाएगा। जिसके अंतर्गत कल शाम मनोहर सिंह परिहार निर्देशित जोधपुर का हास्य नाटक वॉट्स इन आ सरनेम का मंचन कल शाम 7:15 बजे होगा।

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