अकीदत से मनाया हज़रत गरीब शाह दातार किशनगढ़ दरगाह का उर्स

जोधपुर। कौमी एकता और आपसी भाईचारे का प्रतीक हज़रत गरीब शाह दातार का 21वां उर्स 15 नवंबर, शुक्रवार को बड़े ही जोशो-खरोश और अकीदत के साथ किशनगढ़ गांव, तहसील आहोर में मनाया गया। इस दौरान दरगाह पर अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ा। दरगाह में देशभर से आए अकीदतमंदों ने हाजिरी लगाई और आस्ताने पर चादर पेश कर अमन-चैन और खुशहाली की दुआ मांगी। सुबह से ही दरगाह में जियारत का सिलसिला शुरू हो गया, जो देर रात तक चलता रहा।


दरगाह इंतेजामिया कमेटी किशनगढ़ के ईसुब खां, रसीद खां ने बताया कि उर्स के मौके पर कई मशहूर उलेमाओं ने तकरीर पेश की, जिसमें हजरत मौलाना इल्हाकुल कादरी नईमी, कारी जाकिर हुसैन सिद्दीकी, मौलाना मो. जसीमउदीन, हाफिज शमसुद्दीन, मौलाना सद्दाम हुसैन और मौलाना अब्दुल शकूर शामिल थे। तकरीरों में इस्लाम के पैगाम, कौमी एकता और मानवता के महत्व पर जोर दिया गया।
उन्होंने बताया कि असर की नमाज के बाद चिल्ला शरीफ से आस्ताने शरीफ तक जुलूस निकालकर चादर पेश की गई, जिसमें भारी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए। जुलूस के बाद नमाजे मगरिब पर लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों लोगों ने शिरकत की। रात को नमाजे ईशा के बाद महफिल-ए-मिलाद का आयोजन किया गया, जिसमें नातख्वान ने नबी-ए-करीम की शान में नात पेश की। जोधपुर के मशहूर कव्वाल उस्ताद शौकत अंदाज़ और नदीम अंदाज़ ने अपनी शानदार कव्वालियों से माहौल को और खुशनुमा बना दिया। उनकी पेशकश पर अकीदतमंद झूम उठे।
दरगाह कमेटी के साथ-साथ स्थानीय लोगों का भी उर्स को सफल बनाने में ईदु खां, युसुफ खां और निसार खां का अहम योगदान रहा। अंत में इस मौके पर दरगाह के खादिमों ने अकीदतमंदों से कौमी एकता और अमन-चैन बनाए रखने की अपील की।

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